Uttar Pradesh: माध्यमिक शिक्षा परिषद (UPMSP) के शिक्षकों ने सोमवार को लखनऊ समेत पूरे प्रदेश में बोर्ड परीक्षा की उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन करने से मना कर दिया। शिक्षक मुजफ्फरनगर में एक शिक्षक की हत्या के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे।
मूल्यांकन केंद्रों से बाहर आकर शिक्षकों ने रोष प्रकट किया और नारेबाजी की। (Uttar Pradesh) उन्होंने कहा कि जब तक हत्यारों को गिरफ्तार नहीं किया जाता, वे मूल्यांकन का काम नहीं करेंगे।
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शिक्षकों का कहना है कि मुजफ्फरनगर में हुई घटना से वे डरे हुए हैं और उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। (Uttar Pradesh) उन्होंने मांग की है कि सरकार शिक्षकों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए।
इस घटना के कारण बोर्ड परीक्षा के परिणामों में देरी होने की संभावना है। UPMSP ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
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मूल्यांकन बहिष्कार करते हुए उन्होंने अपने साथी शिक्षक की हत्या के विरोध में आवाज बुलंद की। मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार शिक्षकों ने राजकीय हाईस्कूल महगांव वाराणसी के शिक्षक धर्मेंद्र कुमार की हत्या के विरोध में किया है। जिनकी मुजफ्फरनगर में उनके साथ ड्यूटी कर रहे आरक्षी ने उस समय हत्या कर दी जब वह बोर्ड की उत्तर पुस्तिका को लेकर जा रहे थे।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ ने इस घटना की घोर निंदा की है। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कुमार त्रिपाठी ने कहा कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ इस हत्या के लिए मूल्यांकन कार्य के बहिष्कार का समर्थन करता है। (Uttar Pradesh) एक दिन के लिए उन्होंने सभी शिक्षकों को मूल्यांकन कार्य से खुद को अलग करने की अपील की।
इसे लेकर लखनऊ में राजकीय जुबली इंटर कालेज और हुसैनाबाद सहित कई केंद्रों पर मूल्यांकन कार्य कर रहे शिक्षक बाहर आ गए, उन्होंने एक दिन मूल्यांकन नहीं करने का निर्णय लिया है। साथ ही मूल्यांकन में लगे शिक्षकों की सुरक्षा और उचित मुआवजे की मांग की है। इस दौरान केंद्रों से बाहर शिक्षकों ने नारेबाजी भी की।
आगरा जिले में पांच केंद्रों शाहगंज स्थित राजकीय इंटर कालेज, हरीपर्वत स्थित एमड़ी जैन इंटर कालेज, खंदारी स्थित आरबीएस इंटर कालेज, सुल्तानपुरा स्थित एनसी वैदिक इंटर कालेज और ताजगंज स्थित नगर निगम इंटर कॉलेज में मूल्यांकन कर चल रहा है, जिसमें 3450 शिक्षक लगाए गए है।
सोमवार को मूल्यांकन के तीसरे दिन सभी केंद्रों पर शिक्षक घटना से आक्रोशित थे, इसके बाद शिक्षक संगठन पदाधिकारों के पहुंचने पर यह विरोध और तेज हो गया और शिक्षक मूल्यांकन कर छोड़कर केंद्र परिसर में एकजुट हो गए।
माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय कोषाध्यक्ष मुकेश शर्मा का कहना था कि शिक्षक सभी कार्यों को गंभीरता से करते हैं, बावजूद इनके वही सभी का सबसे आसान शिकार समझा जाता है। इस मामले में गंभीर कार्रवाई नहीं हुई तो शिक्षक उग्र आंदोलन करेंगे।