हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक संकट अभी भी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। 1 मार्च 2024 को, कैबिनेट मीटिंग के बीच में ही PWD मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के पुत्र, विक्रमादित्य सिंह मीटिंग छोड़कर चले गए। उन्होंने कहा कि वे 6 बागी विधायकों से मिलने जा रहे हैं।
क्या वजह है इस संकट की ?
यह घटना तब हुई जब कांग्रेस पार्टी राज्यसभा चुनाव में हार का सामना कर रही है। 27 फरवरी 2024 को हुए राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी हार गए थे, जबकि भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन जीत गए थे। हार के बाद, कांग्रेस पार्टी में बगावत शुरू हो गई थी।विक्रमादित्य सिंह उन विधायकों में से एक हैं जो कांग्रेस नेतृत्व से नाराज हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी नेतृत्व ने उन्हें राज्यसभा चुनाव लड़ने का मौका नहीं दिया, जिसके कारण पार्टी हार गई।

6 बागी विधायकों से मिले विक्रमादित्य
उन्होंने यह भी कहा कि वे 6 बागी विधायकों से मिलकर उनकी बात सुनेंगे। उन्होंने कहा कि वे पार्टी में एकजुटता लाना चाहते हैं ,यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि विक्रमादित्य सिंह क्या करेंगे। कुछ लोगों का कहना है कि वे पार्टी छोड़ सकते हैं, जबकि अन्य का कहना है कि वे पार्टी में रहकर बदलाव लाने की कोशिश करेंगे।यह घटना हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के लिए एक बड़ा झटका है। पार्टी पहले ही राज्यसभा चुनाव हार चुकी है, और अब पार्टी में बगावत शुरू हो गई है। यह देखना बाकी है कि पार्टी इस संकट से कैसे उबरती है।
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विक्रमादित्य सिंह ने कैबिनेट मीटिंग बीच में ही छोड़कर 6 बागी विधायकों से मुलाकात की।वे कांग्रेस नेतृत्व से नाराज हैं क्योंकि उन्हें राज्यसभा चुनाव लड़ने का मौका नहीं दिया गया,यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि वे क्या करेंगे, लेकिन यह घटना हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के लिए एक बड़ा झटका है।