Sri Lanka: श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने गुरुवार को होने वाले संसदीय चुनाव के लिए प्रचार अभियान का समापन किया। इस दौरान उन्होंने अपनी नई सरकार के तहत अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का वादा करके किया। बता दें, सितंबर में चुनाव जीतने के बाद राष्ट्रपति दिसानायके ने भ्रष्टाचार से निपटने का वादा किया और अचानक से संसदीय चुनाव का एलान कर दिया था।
Sri Lanka: भ्रष्टाचार विरोधी नीतियों को लागू करने के लिए सशक्त विधानसभा की मांग
पूर्व मार्क्सवादी समूह नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) मुख्य रूप से अपनी भ्रष्टाचार विरोधी नीतियों को लागू करने के लिए पूरी तरह से सशक्त विधानसभा की मांग कर रहा है, जहां उनका आरोप है कि 1948 से देश पर शासन करने वाले प्रमुख राजनीतिक दलों के सभी राजनेता इसके लिए जिम्मेदार हैं। निर्वाचित होने के बाद से सरकार ने पिछले कुछ मुद्दों को फिर से उठाया है। हालांकि, सरकार को राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के पिछले प्रशासन के कुछ कठिन आर्थिक सुधारों को उलटने में अपनी नाकामी के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा है।
दिसानायके ने सोमवार को अपने अंतिम अभियान रैली को संबोधित किया। (Sri Lanka)उन्होंने कहा कि मार्च में पेश किए जाने वाले नए सरकारी बजट में, ‘जितना कमाओ उतना भुगतान करो’ कर में भारी कटौती की जाएगी।
पहली बार संसदीय चुनाव नहीं लड़ रहे विक्रमसिंघे
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फरवरी तक कर लेंगे समीक्षा पूरे
दिसानायके सरकार के सामने अब 2.9 अरब डॉलर के कार्यक्रम की तीसरी समीक्षा में राजस्व पर आईएमएफ के लक्ष्यों को पूरा करने की चुनौती है। चुनाव के दो दिन बाद आईएमएफ तीसरी समीक्षा के लिए यहां आएगा। (Sri Lanka) नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने कहा, ‘हम फरवरी तक समीक्षा पूरी कर लेंगे।’
दिसानायके ने जोर देकर कहा कि 14 नवंबर को शासक वर्ग के शासन का युग जो 1948 से 75 साल से अधिक समय तक चला था, औपचारिक रूप से समाप्त हो जाएगा। (Sri Lanka) उन्होंने कहा, ‘एनपीपी के सदस्यों को चुनकर हमें एक मजबूत संसद दीजिए।