World’s Youngest Motivational Speaker: जब भी हम कोई प्रेरक किस्सा सुनते हैं तो अक्सर हमारे ज़हन में उस किस्से से जुड़ी कोई अनुभवी या उम्रदराज़ शख्सियत की तस्वीर सामने आती है। जो जीवन के उतार-चढ़ाव से गुज़रकर हमें जीवन के मूल्य सिखाता है। लेकिन अब ऐसा ज़रूरी नहीं रहा। (World’s Youngest Motivational Speaker) आज के युग में कुछ ऐसे बच्चे भी हैं, जो अपनी असाधारण क्षमताओं के बल पर दुनिया को प्रेरित कर रहे हैं। आइए जानते हैं दो ऐसे बच्चों कैलेब स्टीवर्ट और जोसेफ हैरिस बिर्टिल की कहानी जिन्होंने उम्र को अपनी सफलता की राह में कभी आड़े नहीं आने दिया।

कैलेब स्टीवर्ट अमेरिका के फ्लोरिडा में रहने वाला एक साधारण सा बच्चा था। लेकिन उसकी सोच, समझ और आत्मविश्वास बिल्कुल असाधारण था। (World’s Youngest Motivational Speaker) जब ज्यादातर बच्चे 3 साल की उम्र में शब्दों को जोड़ने की कोशिश करते हैं। तब कैलेब माइक पर खड़े होकर सैकड़ों लोगों को संबोधित करता था। यह कोई कल्पना नहीं बल्कि हकीकत है जिसे गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने भी प्रमाणित किया।
World’s Youngest Motivational Speaker: कैलेब का पहला भाषण बनीं एक यादगार शुरुआत
कैलेब ने अपना पहला भाषण फ्लोरिडा के अलार्म इंटरनेशनल चर्च में दिया था। (World’s Youngest Motivational Speaker) उस पल को याद करते हुए कैलेब ने कहा, ‘जब मैंने मंच पर भाषण दिया और लोगों ने मेरे लिए खड़े होकर ताली बजाई तो मुझे खुद पर गर्व महसूस हुआ।’ यह भाषण कैलेब के आत्मविश्वास का पहला सार्वजनिक प्रदर्शन था। इसके बाद उसने चर्चों, स्कूलों, सार्वजनिक रैलियों और शिक्षा संस्थानों में नियमित रूप से मोटिवेशनल भाषण देना शुरू किया।

अपना दूसरा भाषण कैलेब ने फ्लोरिडा के रा मीडिल स्कूल में दिया। उसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और लाखों लोगों ने न सिर्फ कैलेब को सराहा बल्कि उसकी ऊर्जा और स्पष्ट विचारों से प्रेरणा ली। यह वो मोड़ था जब उसकी पहचान एक क्षेत्रीय प्रतिभा से बढ़कर एक वैश्विक प्रेरक वक्ता के रूप में स्थापित हुई।
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कैलेब का मिशन और उद्देश्य
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की रिपोर्ट के अनुसार, कैलेब का लक्ष्य है बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रेरित करना। आत्मविश्वास बढ़ाना और अपने सपनों के प्रति समर्पित रहना। उसके अनुसार- ‘हर बच्चा कुछ बड़ा कर सकता है, बशर्ते वो उस काम को करे जिसमें उसे खुशी मिलती हो।’

कैलेब एक प्रेरक वक्ता होने के साथ ही वह एक सामान्य बच्चा भी है। उसे बेसबॉल खेलना, वीडियो गेम खेलना और अपने परिवार के साथ समय बिताना बहुत पसंद है। सबसे ख़ास बात यह है कि वह अपने भाषण खुद लिखता है। (World’s Youngest Motivational Speaker) एक विषय चुनता है। उस पर सोचता है और अपने विचारों को शब्दों में ढालता है। चर्च में एक बुजुर्ग व्यक्ति ने उसे ‘मास्टर कैलेब’ का नाम दिया था। क्योंकि उन्होंने उसे महज़ 2 साल की उम्र में स्पष्ट और प्रभावी ढंग से बोलते देखा था। यह उपनाम उसके व्यक्तित्व की परिपक्वता को दर्शाता है।
जोसेफ हैरिस बिर्टिल – 2 साल की उम्र में मेन्सा का सबसे कम उम्र का सदस्य
यूनाइटेड किंगडम (UK) के जोसेफ हैरिस बिर्टिल का जीवन भी सामान्य बच्चों से बिल्कुल अलग था। उसने केवल 7 महीने की उम्र में अपना पहला शब्द बोला जिससे उसके माता-पिता को पहली बार अहसास हुआ कि उनका बेटा साधारण नहीं है। (World’s Youngest Motivational Speaker) जोसेफ की मां केटी बिर्टिल, बताती हैं कि, ‘जब वह एक साल का हुआ तब तक वह अल्फाबेट, रंग और आकारों को पहचानने लगा था। हमें अंदाज़ा हो गया था कि उसकी सीखने की क्षमता औसत से कहीं अधिक है।’
मेन्सा में शामिल होना
मेन्सा एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है। जो दुनिया भर के सबसे अधिक IQ वाले व्यक्तियों की सोसायटी है। इसमें शामिल होने के लिए सामान्यतः IQ कम से कम 132 होनी चाहिए। जोसेफ का IQ 142 आंका गया। जो उसकी उम्र के लिहाज से चौंकाने वाला था। इस उपलब्धि के बाद वह मेन्सा का सबसे छोटा सदस्य बन गया और दुनिया भर के मीडिया में चर्चा का विषय बना।
सीखते रहने का है जुनून
जोसेफ को किताबें बहुत पसंद हैं। वह दिन में घंटों किताबें पढ़ता है। उसे गणित, भूगोल और भाषा जैसे विषयों में असाधारण रुचि है। (World’s Youngest Motivational Speaker) उसकी याददाश्त इतनी तीव्र है कि वह एक बार पढ़कर सारी जानकारी याद कर लेता है। उसके माता-पिता उसे सामान्य माहौल में पालना चाहते हैं। इसलिए उन्होंने उसे समय से पहले स्कूल में भेजने की बजाय घर पर पढ़ाना शुरू किया है ताकि वह अपने बचपन का भरपूर आनंद ले सके।
बेहद जमीनी है जोसेफ के परिवार का दृष्टिकोण
जोसेफ की मां और पिता का मानना है कि, ‘उसे जीनियस के बजाय एक खुश और जमीन से जुड़ा इंसान बनाना ज़रूरी है।’ वे उसे एक सामान्य बच्चे की तरह ट्रीट करते हैं। (World’s Youngest Motivational Speaker) खेल में भाग लेने के लिए प्रेरित करते हैं और तकनीक का संतुलित उपयोग सिखाते हैं।
कैलेब और जोसेफ में समानताए
कैलेब स्टीवर्ट जोसेफ और हैरिस बिर्टिल दोनों का क्षेत्र मोटिवेशनल स्पीकिंग। बुद्धिमत्ता (IQ) के मामले में पहली उपलब्धि 3 साल की उम्र में भाषण, 2 साल की उम्र में मेन्सा सदस्यता, सार्वजनिक पहचान गिनीज रिकॉर्ड मेन्सा रिकॉर्ड, सहायक मंच चर्च, स्कूल, सोशल मीडिया, मेन्सा मीडिया, अभिभावकों की भूमिका प्रेरणा और मंच प्रदान करना, सामान्य पालन-पोषण के साथ सहारा देना आदि दोनों के बीच कई ऐसी कई समानताएं हैं। (World’s Youngest Motivational Speaker) कैलेब और जोसेफ का व्यक्तित्व यह प्रेरणा देता हैं कि, उम्र प्रतिभा की सीमा नहीं होती। अगर सही समय पर बच्चों को प्रोत्साहन, मंच और मार्गदर्शन मिले तो वे कम उम्र में ही असाधारण काम कर सकते हैं। इन दोनों बच्चों ने न सिर्फ अपने देश बल्कि पूरी दुनिया के माता-पिता और बच्चों को भी यह संदेश दिया है कि आपके अंदर छिपी प्रतिभा को दुनिया के सामने लाने के लिए उम्र नहीं आत्मविश्वास और समर्पण ज़रूरी है।