Vikram Misri on Operation Sindoor: “क्या परमाणु जंग की कगार पर था भारत? पाकिस्तान की सीमा पर मंडरा रहा था युद्ध का भयानक साया, पर अचानक सब कुछ थम गया। ऑपरेशन सिंदूर की गर्जना के बीच भारत ने दुश्मन को ऐसा करारा जवाब दिया कि दुनिया सन्न रह गई। लेकिन अब सामने आ रही हैं कुछ ऐसी जानकारियाँ, जो इस सैन्य कार्रवाई के पीछे की असली रणनीति और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति को बेनकाब कर रही हैं। (Vikram Misri on Operation Sindoor) भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने इस रहस्यमय ऑपरेशन की परतें खोलनी शुरू कर दी हैं और अब यह साफ़ होता जा रहा है कि ‘शांति’ का यह लम्हा कितनी ‘तपती’ ज़मीन से गुज़रा है।”

Vikram Misri on Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर: युद्ध के कगार से लौटती दुनिया
सोमवार को संसद की एक अहम समिति के समक्ष विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर विस्तृत जानकारी दी। (Vikram Misri on Operation Sindoor) संसदीय समिति को ब्रीफिंग देते हुए मिसरी ने दो टूक कहा, “पाकिस्तान ने परमाणु हमले को लेकर कोई संकेत नहीं दिया था।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष का आधार हमेशा पारंपरिक सैन्य ताकत रही है, और इस बार भी हालात कुछ अलग नहीं थे। यह बयान ऐसे वक्त पर आया है जब अंतरराष्ट्रीय मीडिया में लगातार अटकलें लगाई जा रही थीं कि भारत और पाकिस्तान के बीच ऑपरेशन सिंदूर के दौरान टकराव इतना बढ़ गया था कि मामला परमाणु युद्ध तक पहुँच सकता था।
ट्रम्प और अमेरिका की भूमिका पर उठे सवाल
समिति में विपक्षी दलों के कुछ सदस्यों ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की भूमिका को लेकर भी तीखे सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि ट्रम्प प्रशासन की ओर से जिस ‘शांति वार्ता’ का बार-बार दावा किया जा रहा है, उसका असली स्वरूप क्या था? क्या अमेरिका ने भारत-पाक संघर्ष को वाकई रोकने में कोई निर्णायक भूमिका निभाई? (Vikram Misri on Operation Sindoor) विदेश सचिव मिसरी ने इस पर सधा हुआ जवाब देते हुए कहा कि सैन्य कार्रवाई रोकने का निर्णय भारत और पाकिस्तान दोनों देशों ने मिलकर लिया था। किसी तीसरे देश की भूमिका ‘सीमित’ थी और मुख्य नियंत्रण भारत की कूटनीतिक और सैन्य रणनीति के हाथों में था।
क्या पाकिस्तान ने चीन के प्लेटफॉर्म से की जासूसी?
एक अन्य सदस्य ने यह सवाल उठाया कि क्या पाकिस्तान ने भारत पर हमला करने के लिए चीन के डिजिटल या सैन्य प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल किया? मिसरी का जवाब था संक्षिप्त लेकिन प्रभावशाली “इसका कोई महत्व नहीं है। भारत ने पाकिस्तान के एयरबेस तबाह कर दिए। हम जानते हैं कि हमें क्या करना है और कैसे करना है।” साफ़ है कि भारत ने तकनीक, सटीकता और समयबद्ध कार्रवाई से पाकिस्तान को जवाब दिया वो भी बिना किसी बाहरी मदद के।
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अंतिम सन्नाटा या तूफान की तैयारी?
विदेश सचिव के इन खुलासों से यह तो साफ हो गया है कि भारत किसी भी तरह के हमले या उकसावे का जवाब देने में सक्षम है। लेकिन यह भी स्पष्ट है कि ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी, बल्कि यह भारत की बदली हुई रणनीतिक सोच का एक जीवंत उदाहरण था जहाँ युद्ध की धार तलवार से नहीं, सोच से तेज़ होती है। (Vikram Misri on Operation Sindoor) आने वाले समय में यह ऑपरेशन भारत की सैन्य इतिहास में एक निर्णायक मोड़ के रूप में देखा जाएगा और हो सकता है कि यह महज़ ‘एक ऑपरेशन’ नहीं, बल्कि नए भारत की रणनीतिक दस्तक हो।