India Pakistan War Update: जब एशिया की दो परमाणु ताक़तें भारत और पाकिस्तान सीमा पर आमने-सामने खड़ी हों, तो पूरी दुनिया की सांसें थम जाती हैं।आतंकी हमले, जवाबी एयरस्ट्राइक्स, मिसाइल हमले और अब अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया… माहौल कुछ वैसा ही है जैसे इतिहास दोहराने को तैयार हो। लेकिन इस बार,अमेरिका ने एक अलग रुख अपनाया है ना हस्तक्षेप, सिर्फ कूटनीति। (India Pakistan War Update) 8 मई को अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वांस ने इस गंभीर स्थिति पर बड़ा बयान देते हुए साफ कहा, “हम एक ऐसे युद्ध में शामिल नहीं होंगे जो बुनियादी रूप से हमारा नहीं है।” उन्होंने यह टिप्पणी उस वक़्त की जब भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव एक खतरनाक मोड़ पर पहुंच चुका है।

India Pakistan War Update: भारत की ‘ऑपरेशन सिंदूर’ स्ट्राइक और पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई
तनाव की यह नई लहर उस समय उठी जब जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई। (India Pakistan War Update) इसके बाद भारत ने पाकिस्तान और पीओके में मौजूद आतंकी ठिकानों पर करारा जवाब देते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम की एयरस्ट्राइक को अंजाम दिया। भारत की इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने गुरुवार रात मिसाइल और ड्रोन के जरिए जम्मू, पठानकोट, उधमपुर समेत कई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की, लेकिन भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने इसे नाकाम कर दिया। भारत ने साफ कहा है कि वह अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार है और जनता की सुरक्षा में कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
अमेरिका का संतुलित रुख
जेडी वांस ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा, “जब दो परमाणु शक्तियां टकराती हैं, तो हमें चिंता होती है। लेकिन हम इन देशों को नियंत्रित नहीं कर सकते।” उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि यह एक क्षेत्रीय संघर्ष है, जिसे वॉशिंगटन सिर्फ राजनयिक प्रयासों से सुलझाने की कोशिश करेगा। (India Pakistan War Update) वांस ने आगे कहा, “हम भारतीयों को यह नहीं कह सकते कि अपने हथियार डाल दो। न ही हम पाकिस्तानियों को ऐसा आदेश दे सकते हैं। हमारी भूमिका केवल कूटनीति के ज़रिए तनाव कम करने की है।”
राजनयिक चैनलों पर बढ़ी हलचल
वहीं, अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने गुरुवार को भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ़ से बात की। उन्होंने दोनों नेताओं से तत्काल डी-एस्केलेशन की अपील की। साथ ही भारत के आतंकवाद विरोधी प्रयासों के प्रति अमेरिकी समर्थन दोहराया। फिलहाल दोनों देशों की सेनाएं हाई अलर्ट पर हैं, और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की निगाहें दक्षिण एशिया पर टिकी हैं। जेडी वांस ने उम्मीद जताई कि यह तनाव किसी बड़े युद्ध, खासकर परमाणु टकराव की ओर न बढ़े। उन्होंने कहा, “अगर ऐसा हुआ, तो यह पूरी दुनिया के लिए तबाही होगा। लेकिन अभी हम नहीं मानते कि मामला वहां तक जाएगा।”