Dubai: सोशल मीडिया पर दुबई के डूबने के कई वीडियो वायरल हो रहे हैं। 15 अप्रैल को खाड़ी देशों में भारी बारिश के कारण दुबई, जो रेगिस्तान के बीच बसा हुआ है, पूरी तरह से पानी की चपेट में आ गया। दुनिया के सबसे मॉडर्न शहरों में शुमार दुबई की सड़कों से लेकर एयरपोर्ट तक हर जगह पानी ही पानी नजर आ रहा है।
दरअसल भले ही बारिश 24 घंटे से हो रही हो लेकिन मौसम संबंधी जानकारी देने वाली वेबसाइट ‘द वेदर मैन डॉट कॉम’ का अनुमान है कि खाड़ी देशों में एक दिन में इतनी बारिश हो गई जितना दो सालों में होनी चाहिए थी.
Dubai: क्यों हुई इतनी बारिश
रिपोर्ट की मानें तो कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि खाड़ी देशों में आई इस बाढ़ की वजह क्लाउड सीडिंग यानी आर्टिफिशियल बारिश हैं. (Dubai) एसोसिएट प्रेस ने अपनी एक रिपोर्ट इस बात का भी दावा किया है कि 14 अप्रैल को दुबई प्रशासन ने क्लाउड सीडिंग के जरिए बारिश करवाने के लिए एक विमान उड़ाया था और इसके कुछ देर बाद ही खाड़ी देशों में भारी बारिश और बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई. (Dubai) हालांकि अभी तक दुबई की तरफ से क्लाउड सीडिंग कराने को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
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क्या होता है क्लाउड सीडिंग
क्लाउड सीडिंग को हम आर्टिफिशियल बारिश भी कह सकते हैं. (Dubai) यानी जब किसी क्षेत्र में लंबे समय से बारिश नहीं हो रही हो तो ऐसे में बादल को आर्टिफिशियल तरीके से बारिश में बदलने की तकनीक को क्लाउड सीडिंग कहा जाता है.
क्लाउड सीडिंग की प्रक्रिया में बादलों में हेलीकॉप्टर या प्लेन की मदद से सिल्वर आयोडाइड, पोटैशियम आयोडाइड और ड्राई आइस (सॉलिड कार्बन डाइऑक्साइड) जैसे रसायनों बिखेरे जाते हैं.
ये रसायन हवा में घुलकर हवा के भाप को आकर्षित करते हैं, जिसके कारण आसमान में तूफानी बादल का निर्माण होती है और आखिर में ये बारिश का रूप ले लेती है. भाप के पानी में बदलने की इस प्रक्रिया को संघनन या कान्डेंसेशन कहा जाता है. रिपोर्ट की मानें तो इस प्रक्रिया से बारिश करवाने में लगभग आधे घंटे का समय लगता है.
पहली बार किसने कराई थी बारिश, कितना खर्च
रिपोर्ट के अनुसार इस प्रक्रिया से 1 फीट बारिश कराने में करीब 1600 रुपये का खर्च आता है. वहीं इस तकनीक से पहले साल 1946 में अमेरिकी वैज्ञानिक विंसेंट जे शेफर ने बारिश करवाई थी.
क्या दुबई में पहले भी इस तकनीक का हो चुका है इस्तेमाल
जुलाई 2021 में दुबई का तापमान 50 डिग्री तक पहुंच गया था. उस वक्त लोगों को गर्मी से निजात दिलाने के लिए क्लाउड सीडिंग से बारिश कराई गई थी. इसके अलावा खाड़ी देशों में कई बार सूखे से निपटने के लिए भी इस तकनीक का इस्तेमाल कर बारिश कराई जाती है. UAE में इसकी शुरुआत 1990 के दशक में हुई थी. (Dubai) वर्तमान में 60 से ज्यादा देश इसी तकनीक का इस्तेमाल कर बारिश करवाते है.
क्या दुबई की बिल्डिंग इस तरह की प्राकृतिक आपदा झेल सकती है
दुबई को वैसे तो सबसे ज्यादा समृद्ध शहरों में से एक माना जाता है. दुबई में कई ऊंची इमारतें हैं, जिसमें बुर्ज खलीफा भी शामिल है, जो वर्तमान में दुनिया की सबसे ऊंची इमारत भी है.
इन इमारतों को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह कुछ हद तक हवा और भूकंप के प्रभावों झेल सके. लेकिन बड़े भूकंप या सुनामी आती है तो यहां के इमारतों पर सड़कों पर असर पड़ सकता है.
दुबई के अलावा इन देशों में भी मौसम खराब
पाकिस्तान और गल्फ देशों में भी 15 अप्रैल से खराब मौसम के चलते बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं. पाकिस्तान , ओमान और यूएई में तो अब तक भारी बारिश के कारण लगभग 69 लोगों की जान जाने की खबर भी सामने आ रही है. वहीं दूसरी तरफ दुबई में खराब मौसम के कारण भारत की 28 उड़ानों को रद्द कर दिया गया है.
लोगों से घरों में ही रहने का अनुरोध
लगातार हो रही बारिश और खराब मौसम के कारण यूएई के प्रशासन ने बीते मंगलवार यानी 16 अप्रैल को लोगों से घरों में ही रहने का अनुरोध किया है. स्कूलों ने ऑनलाइन क्लासेस आयोजित कर दी है ताकि बच्चे इस बारिश में घर से बाहर न निकलें. (Dubai) वहीं सरकारी कर्मचारियों से भी घरों से काम करने के लिए कहा गया.
सड़कों पर जमा बारिश के पानी को निकालने के लिए प्रशासन को बड़े-बड़े पंप लगाने पड़े.
आज भी बारिश का अनुमान
राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने दुबई, अबु धाबी, शारजाह व कुछ अन्य अमीरात के निवासियों से आने वाले 24 घंटे यानी 18 अप्रैल को भी भारी बारिश व ओलावृष्टि के लिए तैयार रहने के लिए कहा है. (Dubai) यूएई के पड़ोसी देशों बहरीन, कतर, सऊदी अरब में भी जमकर बारिश हुई है.