Bengaluru Water Crisis: बंगलूरू, जो कभी ‘गार्डन सिटी’ के नाम से जाना जाता था, आज बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहा है। गर्मी के आने से पहले ही शहर में जल संकट गहरा गया है। यह न केवल बंगलूरू बल्कि पूरे देश के लिए एक चिंता का विषय है।
Bengaluru Water Crisis: इन पर भी प्रतिबंध
इससे पहले, कर्नाटक जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड ने कार धोने, बागवानी, भवन, पानी के फव्वारे या सड़क निर्माण और रखरखाव के लिए पीने के पानी के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था।

इतना भीषण सूखा कभी नहीं देखा
बंगलूरू में पानी की भारी कमी के बीच उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने सोमवार को कहा कि राज्य ने पिछले तीन-चार दशकों में इतना भीषण सूखा कभी नहीं देखा। (Bengaluru Water Crisis) उन्होंने कहा, ‘पिछले 30-40 सालों में हमने ऐसा सूखा नहीं देखा था। हालांकि पहले भी सूखे की स्थिति थी, लेकिन हमने कभी भी इतनी बड़ी संख्या में तालुकों को सूखा प्रभावित घोषित नहीं किया था।’

सबसे खराब जल संकट से जूझ रहा शहर
शहर अपने सबसे खराब जल संकट से जूझ रहा है। जल बोर्ड लगातार हालातों को सही करने में लगा हुआ है। इसके लिए वह एके के बाद एक प्रतिबंध लगा रहा है। (Bengaluru Water Crisis) उसने स्थिति से निपटने के उद्देश्य से अनधिकृत बोरवेल खोदने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने की चेतावनी दी है। यह कदम बंगलूरू जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड द्वारा वाहनों की सफाई सहित गैर-आवश्यक उद्देश्यों के लिए पीने योग्य पानी के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के कुछ दिनों बाद उठाया है।
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15 मार्च से करना होगा आवेदन जमा
बीडब्ल्यूएसएसबी ने अपने नवीनतम आदेश में कहा कि 15 मार्च से लोगों को अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर अपने आवेदन जमा करके बोरवेल खोदने की अनुमति लेनी होगी। (Bengaluru Water Crisis) संबंधित अधिकारियों द्वारा साइट निरीक्षण के आधार पर मंजूरी दी जाएगी।