Afghanistan: तालिबान ने अफगानिस्तान (Afghanistan) में काम करने वाले सभी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) को आदेश दिया है कि वह महिलाओं को नौकरी पर न रखें। तालिबान के नेतृत्व वाले आर्थिक मंत्रालय ने ‘एक्स’ पर एक पत्र साझा किया, जिसमें उसने चेतावनी दी कि अगर कोई एनजीओ इस आदेश का पालन नहीं करता है, तो उसका अफगानिस्तान में काम करने का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा। अल जजीरा की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
दो साल पहले तालिबान ने अफगानिस्तान 9Afghanistan) में महिलाओं के नौकरी करने पर रोक लगा दी थी। तब तालिबान का कहना था कि उसने यह रोक इसलिए लगाई, क्योंकि महिलाएं कथित तौर पर इस्लामी ड्रेस कोड का पालन नहीं कर रही थीं।
Afghanistan: नए आदेश में तालिबान ने क्या कहा है?
तालिबान के आर्थिक मंत्रालय ने कहा कि देश में सभी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगठनों की गतिविधियों के पंजीकरण, समन्वय, नेतृत्व और निगरानी की जिम्मेदारी उसकी है। तालिबान ने एक बार फिर से आदेश दिया है कि महिलाएं उन संस्थानों में काम करना बंद करें, जिनका नियंत्रण तालिबान के पास नहीं है। मंत्रालय ने कहा, अगर सहयोग नहीं किया गया तो उस संस्था की सभी गतिविधियां बंद कर दी जाएंगी और संस्था का काम करने का लाइसेंस भी रद्द कर दिया जाएगा।

महिलाओं के काम करने पर लगाई पाबंदी
अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान के कब्जे के बाद से महिलाओं पर कई सख्त प्रतिबंध लगाए गए हैं। अगस्त 2021 में बीस साल बाद तालिबान सत्ता में आया। इसके साथ ही उसने लड़कियों के छठी कक्षा के बाद पढ़ाई करने पर रोक लगा दी। यही नहीं, महिलाओं के रोजगार पर भी पाबंदी लगा दी और सार्वजनिक पार्कों और अन्य स्थानों में महिलाओं की पहुंच को भी सीमित कर दिया।
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संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी ने क्या कहा
संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के एक वरिष्ठ अधिकारी टॉम फ्लेचर ने कहा, इससे पहले दिसंबर में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) को बताया गया था कि अफगानिस्तान में मानवीय कार्यों में जुटी महिला कार्यकर्ताओं को अपनी जिम्मेदारियां निभाने से रोका जा रहा है। जबकि अफगानिस्तान में मदद की सख्त जरूरत है। फ्लेचर ने कहा, तालिबान द्वारा महिला और पुरुष कर्मचारियों को काम करने से रोका जा रहा है और यह संख्या बढ़ रही है।

तालिबान ने आरोपों को खारिज किया
हालांकि, तालिबान ने इन इन आरोपों को खारिज किया और कहा कि यह फैसले अफगानिस्तान के कानून, सामाजिक मानदंडों और सार्वजनिक सुरक्षा के लिए आवश्यक हैं। तालिबान ने अपने फैसलों का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने महिलाओं के काम करने पर पूरी तरह से प्रतिबंध नहीं लगाया है। तालिबान सरकार ने करीब नौ हजार महिलाओं को कामकाजी परमिट जारी किए हैं और कई महिलाएं अफगानिस्तान में कार्यबल का हिस्सा हैं।