Three princesses set to lead Iran: दुनिया के नक्शे पर एक बार फिर इतिहास खुद को दोहराने जा रहा है। एक तरफ ईरान में धमाके हो रहे हैं, मिसाइलें गिर रही हैं और इजराइल के साथ जंग की लपटें आसमान को चीर रही हैं, तो दूसरी तरफ उसी ईरान में एक ऐसा तूफान खड़ा हो गया है जो मुल्क के इतिहास को पूरी तरह बदल सकता है। (Three princesses set to lead Iran) अयातुल्ला अली खामेनेई की सत्ता डगमगाने लगी है। न सिर्फ अमेरिका और इजराइल उनकी सत्ता उखाड़ फेंकने को बेताब हैं, बल्कि उनके अपने ही परिवार में उनके खिलाफ बगावत शुरू हो गई है।

तेहरान में आज जो खामोशी दिख रही है, वो तूफान से पहले की खामोशी है। अब आवाजें उठने लगी हैं कि इस्लामिक गणराज्य का अंत ही ईरान में असली शांति ला सकता है। और यह आवाज किसी और की नहीं बल्कि खुद खामेनेई के भतीजे महमूद मोरदखानी की है, जो इस वक्त फ्रांस में निर्वासन में हैं। (Three princesses set to lead Iran) मोरदखानी ने साफ कह दिया है कि वो युद्ध के पक्ष में नहीं हैं, लेकिन अगर इस्लामिक गणराज्य खत्म नहीं हुआ तो ईरान में कभी शांति नहीं आ सकती। ये अकेली आवाज नहीं है। ईरान के पूर्व शाह मोहम्मद रजा पहलवी के बेटे रेजा पहलवी ने भी खुलकर इस्लामिक शासन के अंत की मांग कर दी है। उन्होंने ऐलान किया है कि खामेनेई अब अंडरग्राउंड हो चुके हैं, इस्लामिक गणराज्य का अंत नजदीक है और ईरान में बदलाव की घड़ी आ चुकी है।
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Three princesses set to lead Iran: नई क्रांति का चेहरा बन सकती हैं रेजा पहलवी की बेटियां
ईरान की सत्ता अगर खामेनेई के हाथों से फिसलती है तो अबकी बार इतिहास कुछ अलग लिखेगा। इस बार तख्त पर किसी राजा का नहीं बल्कि रानियों का नाम होगा। और ये रानियां कोई और नहीं बल्कि रेजा पहलवी की तीन बेटियां हैं। 1979 की इस्लामिक क्रांति में जिस परिवार को सत्ता से हटाया गया था, अब वही परिवार फिर से सत्ता में लौटने की तैयारी में है। (Three princesses set to lead Iran) रेजा पहलवी कभी ईरान के क्राउन प्रिंस रहे हैं। 1978 में जब ईरान उथल-पुथल के दौर में था तो रेजा ने जेट फाइटर की ट्रेनिंग के लिए देश छोड़ा और फिर कभी वापस नहीं लौटे। जनवरी 1979 में अयातुल्ला खुमैनी ने सत्ता संभाली और ईरान इस्लामिक गणराज्य बन गया। लेकिन अब 45 साल बाद ऐसा लग रहा है कि इस्लामिक क्रांति का चक्र पूरा होने वाला है और शाह का परिवार फिर से सत्ता में लौट सकता है।
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रेजा पहलवी के उत्तराधिकारी—तीन बेटियां
रेजा पहलवी इस वक्त अमेरिका में निर्वासन में रह रहे हैं और पिछले चार दशकों से अपने देशवासियों के लिए लोकतंत्र और मानवाधिकारों की आवाज उठा रहे हैं। रेजा पहलवी ने पहले ही ऐलान कर दिया है कि उनकी तीन बेटियां ही उनकी उत्तराधिकारी होंगी। और यही वजह है कि ईरान में नई क्रांति की चर्चा इन तीन नामों के इर्द-गिर्द घूम रही है—नूर पहलवी, इमान पहलवी और फराह पहलवी।
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नूर पहलवी: सोशल मीडिया स्टार और कारोबारी
सबसे बड़ी बेटी नूर पहलवी इस वक्त अमेरिका के न्यूयॉर्क में रहती हैं। 33 साल की नूर सोशल मीडिया पर भी बेहद पॉपुलर हैं। इंस्टाग्राम पर उनके 1 मिलियन से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। (Three princesses set to lead Iran) पढ़ाई में भी वह बेहद आगे रही हैं। उन्होंने जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी से मनोविज्ञान में ग्रेजुएशन किया और फिर कोलंबिया बिजनेस स्कूल से एमबीए। वर्तमान में वह Sofreh Capital में प्रिंसिपल के पद पर कार्यरत हैं। नूर का युवा ईरानियों में खासा प्रभाव है और सोशल मीडिया पर उनकी बातें तेजी से वायरल होती हैं।
इमान पहलवी: बिजनेस वर्ल्ड में चमकता नाम
रेजा पहलवी की दूसरी बेटी इमान पहलवी भी किसी से कम नहीं हैं। 32 साल की इमान न्यूयॉर्क में अमेरिकन एक्सप्रेस में काम करती हैं। हाल ही में उन्होंने बिजनेसमैन ब्रैडली शेरमेन से शादी की है। (Three princesses set to lead Iran) दोनों की पहली मुलाकात 2017 में हुई थी और अब ये जोड़ा अमेरिका के हाई-सोसायटी सर्कल में जाना जाता है। इमान का व्यक्तित्व शांत लेकिन प्रभावशाली है और उन्हें आधुनिक सोच रखने वाली महिला के रूप में देखा जाता है।
फराह पहलवी-2: राजघराने की सबसे छोटी बेटी
तीसरी और सबसे छोटी बेटी फराह पहलवी-2 अभी सिर्फ 21 साल की हैं। पढ़ाई जारी है लेकिन शाही परिवार की विरासत के तौर पर उन्हें भी ईरान के भावी नेतृत्व में देखा जा रहा है। (Three princesses set to lead Iran) तीनों बेटियां मिलकर अगर सत्ता परिवर्तन के आंदोलन का नेतृत्व करती हैं तो यह मध्य पूर्व में महिलाओं की सबसे बड़ी क्रांति मानी जाएगी।
ईरान में सत्ता का सबसे बड़ा मोड़
अब तस्वीर साफ होती जा रही है। खामेनेई की सत्ता लड़खड़ा रही है, देश में विरोध तेज हो रहा है, पश्चिमी देशों का समर्थन रेजा पहलवी के पीछे खड़ा हो रहा है, और खुफिया रिपोर्ट्स बता रही हैं कि खुद तेहरान में खामेनेई बंकर में छिपे हुए हैं। अमेरिका और इजराइल पहले ही ईरान के खिलाफ निर्णायक हमला करने की तैयारी में हैं। (Three princesses set to lead Iran) वहीं, फ्रांस से लेकर अमेरिका तक रेजा पहलवी के समर्थन में आवाजें तेज हो गई हैं। ऐसे में अगर खामेनेई की सत्ता गिरती है तो 45 साल बाद शाही परिवार की वापसी तय मानी जा रही है। (Three princesses set to lead Iran) और इस बार सिर्फ राजा नहीं, रानियां भी होंगी… वो रानियां जिनके हाथ में नए ईरान की बागडोर होगी। ईरान के इतिहास में शायद पहली बार महिलाओं की अगुवाई में एक नई क्रांति लिखी जाएगी। अब बस इंतजार है उस धमाके का… जो तेहरान से उठेगा और पूरी दुनिया में इतिहास बदल देगा।