Foreign Airlines: विदेशी एयरलांइस कंपनियां भारत छोड़ने की धमकी दे रही हैं. इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) के चीफ ने चेतावनी दी है कि अगर भारत टैक्स के मुद्दे को नहीं सुलझाता है तो विदेशी विमान कंपनियां भारतीय बाजार छोड़ सकती हैं.
दरअसल, पिछले कुछ महीनों में कई बड़ी विदेशी विमान कंपनियों के भारत स्थित दफ्तरों को डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलीजेंस (DGGI) की ओर से टैक्स चोरी के नोटिस मिले हैं. इन कंपनियों में कतर एयरवेज, ब्रिटिश एयरवेज़, लुफ्थांसा सिंगापुर एयरलाइंस जैसी कुछ बड़ी कंपनियों का नाम शामिल है. (Foreign Airlines) ये नोटिस इन कंपनियों द्वारा अपने भारतीय दफ्तरों को दी जाने वाली सेवाओं पर टैक्स न भरने से जुड़े हैं.
दुबई में IATA एनुअल जनरल मीटिंग में डायरेक्टर जनरल विली वॉल्श ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, “इन सब चीजों की वजह से, ये हो सकता है कि ये विमान कंपनियां भारत छोड़कर चली जाएं. पहले कम मुनाफा होने की वजह से ये कंपनियां धीरे-धीरे फ्लाइट्स की संख्या कम करेंगी और फिर आखिर में भारत से पूरी तरह से अपना कारोबार बंद कर देंगी.”
Foreign Airlines: समझिए आखिर क्या है पूरा विवाद
डीजीजीआई ने विदेशी विमान कंपनियों को नोटिस इसलिए भेजे क्योंकि उन्होंने कई सर्विस पर टैक्स नहीं भरा. विदेशी विमान कंपनियों को परेशानी इसलिए हो रही है क्योंकि अक्टूबर 2023 से ही उन पर DGGI नजर रखे हुए हैं.
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ये सरकारी विभाग टैक्स चोरी रोकने के लिए बना है और इनका कहना है कि विदेशी विमान कंपनियों के भारतीय ऑफिस, अपनी मुख्य कंपनी से ली जाने वाली कई सेवाओं पर जीएसटी नहीं दे रहे हैं. (Foreign Airlines) इन सेवाओं में विमानों का रख-रखाव, क्रू मेंबर्स को पेमेंट, तेल और विमान को लीज पर लेने का रेंटल शामिल है.
किन विदेशी एयरलाइंस को DGGI ने भेजे नोटिस
जिन विमान कंपनियों को समन जारी किए गए हैं उनमें ब्रिटिश एयरवेज, लुफ्थांसा सिंगापुर एयरलाइंस, एतिहाद एयरवेज़, थाई एयरवेज, कतर एयरवेज, अमीरात, ओमान एयरलाइंस, एयर अरबिया और सऊदिया (पूर्व में सऊदी अरबियन एयरलाइंस) शामिल हैं. (Foreign Airlines) मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस साल की शुरुआत में DGGI के मेरठ और मुंबई ज़ोन ने जांच की थी.
ब्रिटिश एयरवेज, सिंगापुर एयरलाइंस जैसी कंपनियों ने DGGI की कार्रवाई को स्वीकार कर लिया है और ये एयरलाइंस अधिकारियों के साथ सहयोग कर रही हैं. लेकिन उन्होंने इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने पास अपनी नाराजगी भी दर्ज कराई है. IATA की स्थापना साल 1945 में कुछ एयरलाइन कंपनियों ने की थी. (Foreign Airlines) आज दुनियाभर की 300 से ज्यादा एयरलाइंस कंपनियां इसकी मेंबर हैं.
विदेशी विमान कंपनियों की भारत में कितनी हिस्सेदारी?
भारतीय विमानन क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है और घरेलू हवाई यातायात पहले से ही दुनिया में तीसरे नंबर पर है. बजट कैरियर IndiGo के नेतृत्व में भारत का एविशेन मार्केट तेजी से बढ़ रहा है, जहां विमान बनाने वाली कंपनियों के पास 1000 से ज्यादा विमानों का ऑर्डर पेंडिंग है. इन विमानों में छोटे और बड़े दोनों तरह के विमान शामिल हैं, जिनमें से बड़े विमानों का इस्तेमाल खासकर अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में किया जाता है.
भारत के एविशेन मार्केट की क्षमता को देखते हुए विदेशी विमान कंपनियां भी अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की ओर ध्यान दे रही हैं. दिसंबर 2023 तक डीजीसीए के आंकड़ों के अनुसार, इंटरनेशनल एयर ट्रैफिक में भारत से आने-जाने वाली विदेशी विमान कंपनियों की हिस्सेदारी 55% है. सबसे ज्यादा 10% हिस्सेदारी एमिरेट्स की है. इसके बाद सिंगापुर एयरलाइन्स, एतिहाद, कतर एयरवेज, लुफ्तहांसा और एयर अरेबिया का नंबर है.
हालांकि भारतीय विमान कंपनियां इंडिगो, एयर इंडिया, विस्तारा, एयर इंडिया एक्सप्रेस और स्पाइसजेट भी इस क्षेत्र में अपनी पैठ बना रही हैं. कुल मिलाकर 72 विदेशी विमान कंपनियों के मुकाबले सिर्फ 5 भारतीय विमान कंपनियां मिलकर भारत से आने-जाने वाली अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा का 45% हिस्सा संभालती हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर-दिसंबर के दौरान देश में इंटरनेशनल एयर ट्रैफिक 1.73 करोड़ रहा. (Foreign Airlines) इस डिमांड को 78 विदेशी और छह भारतीय कंपनियों ने पूरा किया.
क्या विदेशी विमान कंपनियां सच में भारत छोड़ने का जोखिम उठा सकती हैं?
अगर कोई विमान कंपनी फ्लाइट्स की संख्या कम कर देती है या पूरी तरह से भारत से निकल जाती है, तो उसकी जगह कोई दूसरी कंपनी ले लेगी. इससे न सिर्फ उस कंपनी का मार्केट शेयर कम हो जाएगा, बल्कि किसी दूसरी कंपनी को इस मार्केट शेयर का फायदा होगा क्योंकि कम प्रतिस्पर्धा होने से उसे उस रूट पर बेहतर दाम मिल सकेंगे.
हालांकि हकीकत ये है कि विदेशी विमान कंपनियां लगातार भारत में अपना कारोबार बढ़ाने का प्रयास कर रही हैं. (Foreign Airlines) भारत से आने-जाने वाले नए नए एयर रूट बना रही हैं और अपनी फ्लाइंट्स की संख्या भी बढ़ा रही हैं.
जैसे कि जर्मन विमान कंपनी लुफ्थांसा ने हाल ही में हैदराबाद-फ्रैंकफर्ट रूट शुरू किया है. इसके बाद से उसकी क्षमता कोविड से पहले के लेवल से 14 फीसदी ज्यादा हो गई. (Foreign Airlines) ऐसे ही ब्रिटिश एयरवेज दिल्ली और लंदन (हीथ्रो) के बीच एक नई फ्लाइट शुरू होने जा रही है, जिसके बाद उसकी वीकली उड़ानों की संख्या 5 शहरों में 63 हो जाएगी. वहीं एतिहाद जयपुर से नई फ्लाइट शुरू कर रही है और तिरुवनंतपुरम से फ्लाइट्स की संख्या बढ़ा रही है.