Virat Kohli Arrested: जब जीत मातम में बदल जाए, तो जश्न की चमक भी आंखों में चुभने लगती है। 3 जून 2025 की रात जब रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने पहली बार आईपीएल की ट्रॉफी उठाई, पूरा बेंगलुरु झूम उठा। (Virat Kohli Arrested) एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के भीतर ढोल-नगाड़ों की गूंज थी, खिलाड़ियों की आंखों में सपनों की चमक थी और विराट कोहली की आंखों से बहते आंसू उस लंबे इंतजार का गवाह थे जो इस खिताब के लिए उन्होंने झेला था। लेकिन अगले ही दिन, उसी जश्न ने ऐसा रंग बदला कि न केवल शहर के आसमान पर मातम छा गया, बल्कि विराट कोहली जैसी क्रिकेट की महान हस्ती पर भी कानूनी तलवार लटकने लगी।

Virat Kohli Arrested: खिताब की खुशी में मचा मौत का कोहराम
4 जून को चिन्नास्वामी स्टेडियम में आरसीबी की जीत का औपचारिक जश्न मनाया जा रहा था। हजारों की संख्या में प्रशंसक स्टेडियम के बाहर इकट्ठा हो गए थे, उम्मीद थी कि एक झलक विराट की मिलेगी, एक तस्वीर, एक हाथ हिलाता हुआ सीन। लेकिन भीड़ का ये उत्साह जल्द ही बेकाबू हो गया। (Virat Kohli Arrested) अफरातफरी मच गई, लोग एक-दूसरे पर गिरते चले गए और देखते ही देखते भगदड़ का मंजर बन गया। 11 जिंदगियां वहीं खत्म हो गईं, दर्जनों लोग अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ते रहे। एक ओर स्टेडियम के अंदर आरसीबी की टीम ट्रॉफी के साथ फोटो खिंचवा रही थी, वहीं बाहर किसी मां ने अपना बेटा खो दिया, किसी बहन ने भाई। यही है खेल और व्यवस्था की वो खौफनाक हकीकत, जिसे अक्सर बड़े-बड़े आयोजनों में नजरअंदाज कर दिया जाता है।
विराट कोहली के खिलाफ दर्ज हुई शिकायत
इस हादसे ने जहां पुलिस और प्रशासन को कठघरे में खड़ा कर दिया, वहीं अब इसकी आंच क्रिकेट के सबसे चहेते सितारे विराट कोहली तक भी पहुंच चुकी है। (Virat Kohli Arrested) वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता एच.एम. वेंकटेश ने कब्बन पार्क पुलिस स्टेशन में विराट कोहली के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। उनका आरोप है कि इस पूरे आयोजन का चेहरा विराट कोहली ही थे और उन्होंने आयोजन की आक्रामक ब्रांडिंग में हिस्सा लिया, जिससे भीड़ जुटी। हालांकि पुलिस ने स्पष्ट किया है कि कोहली के खिलाफ दर्ज शिकायत को पहले से चल रही जांच में जोड़ा जाएगा, लेकिन यह कदम बताता है कि इस हादसे के लिए जवाबदेही अब सिर्फ इवेंट मैनेजरों या आयोजकों तक सीमित नहीं रहने वाली।
गिरफ्तारियां और जांच का दायरा
बेंगलुरु पुलिस अब तक इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है, जिनमें आरसीबी के मार्केटिंग और रेवेन्यू हेड निखिल सोसले प्रमुख हैं। उन्हें केम्पेगौड़ा एयरपोर्ट से तब गिरफ्तार किया गया जब वे मुंबई के लिए उड़ान भरने जा रहे थे। Virat Kohli Arrested) इसके अलावा इवेंट मैनेजर किरण कुमार और डीएनए नेटवर्क के वरिष्ठ अधिकारी सुनील मैथ्यू भी पकड़े गए हैं। बताया जा रहा है कि इस पूरे विजय समारोह की योजना बनाने और प्रचार करने में इन्होंने ही प्रमुख भूमिका निभाई थी। अब पुलिस यह भी देख रही है कि कहीं भीड़ को नियंत्रित करने में जानबूझकर लापरवाही तो नहीं बरती गई, और क्या भीड़ जुटाने के लिए ऐसे वादे किए गए जो आयोजकों के नियंत्रण से बाहर थे।
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विराट की चुप्पी पर उठ रहे सवाल
घटना के बाद से विराट कोहली की ओर से कोई बयान सामने नहीं आया है। सोशल मीडिया पर लोग अब इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि क्या विराट को एक सार्वजनिक शोक संदेश जारी करना चाहिए था? क्या एक जिम्मेदार चेहरे के रूप में उन्हें आगे आकर उन परिवारों से संवेदना जतानी चाहिए थी जिनके प्रियजनों ने उनकी जीत के उत्सव में जान गंवा दी? (Virat Kohli Arrested) जहां एक तबका उन्हें इस हादसे से पूरी तरह अलग मान रहा है, वहीं कुछ आलोचकों का कहना है कि एक सेलिब्रिटी को अपनी लोकप्रियता और उसके प्रभाव की जिम्मेदारी समझनी चाहिए।
जश्न की कीमत और जवाबदेही की मांग
आरसीबी की जीत ने जो खुशी दी थी, अब वही खुशी एक सवाल बनकर क्रिकेट प्रेमियों और शहर की जनता के सामने खड़ी है क्या जश्न की तैयारी में सुरक्षा को नजरअंदाज कर दिया गया था? (Virat Kohli Arrested) क्या इस हादसे को रोका जा सकता था? और क्या सिर्फ आयोजकों की गिरफ्तारी से बात खत्म हो जाएगी? बेंगलुरु में अब इस पर बड़ी बहस छिड़ चुकी है कि ऐसे बड़े आयोजनों के लिए किस स्तर की योजना होनी चाहिए, और क्या इन आयोजनों में शामिल ब्रांड एंबेसडर्स, सेलेब्रिटी और टीमों की भी जवाबदेही तय होनी चाहिए।
एक जीत, दो तस्वीरें
एक तस्वीर में विराट कोहली हैं, ट्रॉफी को माथे से लगाते हुए, आंखों में आंसू और चेहरे पर जीत की चमक। दूसरी तस्वीर में चीखते, बिलखते परिजन हैं, जिनकी जिंदगी की ट्रॉफी भीड़ में कहीं कुचल गई। यही दो पहलू हैं उस शाम के, जिसने क्रिकेट की सबसे बहुप्रतीक्षित जीत को विवादों और सवालों से घेर दिया।