Pakistan News: बलूच अमेरिकी कांग्रेस के महासचिव रज्जाक बलूच ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि अब बलूचिस्तान का 70 से 80 प्रतिशत भूभाग ऐसा बन गया है, जहां पाकिस्तानी सेना के लिए जाना असंभव हो गया है। (Pakistan News) उन्होंने अंतरराष्ट्रीय ताकतों खासकर भारत और अमेरिका से बलूच स्वतंत्रता आंदोलन को समर्थन देने की पुरजोर अपील की। रज्जाक के अनुसार, पाकिस्तानी सेना की हालत यह हो गई है कि वे अंधेरा होते ही क्वेटा से बाहर कदम रखने में डरते हैं। उनका यह भी दावा है कि पाकिस्तान की संसद के सदस्य भी इस सच्चाई को स्वीकार करने लगे हैं।

Pakistan News: भारत से विशेष सहयोग की अपील
रज्जाक बलूच ने बताया कि शाम 5 बजे के बाद से सुबह 5 बजे तक सेना सड़कों से पूरी तरह नदारद रहती है क्योंकि डर और असुरक्षा की भावना उस पर हावी है। उन्होंने यह भी कहा कि मारंग बलूच अब भी जेल में बंद हैं और बलूचिस्तान में व्यापक स्तर पर विरोध प्रदर्शन जारी हैं। (Pakistan News) उन्होंने सरदार अख्तर मेंगल जैसे नेताओं के प्रयासों की सराहना की लेकिन यह भी जोड़ा कि चौनी और क्वेटा जैसे क्षेत्रों में स्थित सैन्य ठिकानों को कमजोर करने के लिए बाहरी समर्थन नितांत आवश्यक है। रज्जाक ने यह स्पष्ट किया कि यदि भारत बलूचों की आजादी की आकांक्षाओं का समर्थन करता है तो बलूचिस्तान भारत के लिए अपने दरवाजे खोल देगा।

उनका मानना है कि यदि अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने देरी की तो इससे बलूचिस्तान में सेना के अत्याचार और बढ़ेंगे। जिसका असर केवल स्थानीय स्तर तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि पूरे क्षेत्र की स्थिरता खतरे में पड़ सकती है। उन्होंने लोकतांत्रिक देशों से आग्रह किया कि वे बलूच प्रतिनिधियों को मंच दें और इस संघर्ष को वैश्विक मान्यता दिलाएं। अंत में उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सेना को गरिमा के साथ पीछे नहीं हटाया गया तो एक दिन उसे बांग्लादेश की तरह बलूचिस्तान से भी मजबूरी में भागना पड़ेगा।