Lucknow: किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) प्रशासन की लापरवाही एक बार फिर सामने आई है। हाल ही में, शताब्दी फेज़ टू में एक कुत्ते को कटे हुए हाथ को मुँह में दबाकर घूमते हुए देखा गया। यह घटना केजीएमयू प्रशासन की लचर व्यवस्थाओं और कागज़ी दावों की पोल खोलती है।
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नियमों के अनुसार, कटे हुए अंगों का निस्तारण एक निश्चित प्रक्रिया के तहत किया जाता है। (Lucknow) लेकिन, इस घटना ने केजीएमयू प्रशासन की लापरवाही को उजागर कर दिया है। यह घटना चिकित्सा प्रावधानों का माखौल उड़ाती है और हॉस्पिटल मैनुअल प्रोटोकॉल की पोल खोलती है।
घटना के बाद, जिम्मेदार अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। (Lucknow) न तो किसी पर कार्रवाई की गई है और न ही घटना के लिए कोई जिम्मेदारी ली गई है। स्टेट इंफेक्शन कंट्रोल पॉलिसी एंड मैनुअल का फीडबैक भी नहीं लिया गया है।
यह घटना केजीएमयू प्रशासन की लापरवाही और गैर-जिम्मेदारी का एक ज्वलंत उदाहरण है। (Lucknow) तार-तार नियमों के बाद भी, जिम्मेदार अधिकारी घटना से बचने की कोशिश कर रहे हैं।
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क्या केजीएमयू प्रशासन कटे हुए अंगों के निस्तारण के लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन करता है?
यदि हाँ, तो इस घटना में प्रक्रिया का उल्लंघन कैसे हुआ?
घटना के लिए कौन जिम्मेदार है?
जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी?
केजीएमयू प्रशासन भविष्य में ऐसी घटनाओं को कैसे रोकने का प्रयास करेगा?
यह घटना एक गंभीर चिंता का विषय है। केजीएमयू प्रशासन को इस मामले में तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए और जिम्मेदारों को दंडित करना चाहिए। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए भी ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।