India fourth largest economy: आज साल 2025 का आखिरी दिन है… और आज के दिन भारत के नाम एक बड़ी आर्थिक उपलब्धि दर्ज हो गई है। भारत ने जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का मुकाम हासिल कर लिया है। यह उपलब्धि न केवल आर्थिक आंकड़ों की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि भारत की वैश्विक भूमिका, नीति सुधारों और भविष्य की संभावनाओं को भी मजबूती से स्पष्टतता से रेखांकित करती है।
India fourth largest economy: भारत ने जापान को छोड़ा पीछे
नए आंकड़ों के मुताबिक, भारत की अर्थव्यवस्था का आकार लगभग 4 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया है, जबकि जापान की अर्थव्यवस्था करीब 4.2 ट्रिलियन डॉलर के आसपास आंकी जा रही है। (India fourth largest economy) इस तरह भारत अब अमेरिका, चीन और जर्मनी के बाद विश्व का चौथा सबसे बड़ा अर्थव्यवस्था बन गया है। दुनिया के सबसे टॉप पर रहने वाले अर्थव्यवस्थाओं वाले देश की बात करें तो अमेरिका लगभग 30.5 ट्रिलियन डॉलर की GDP के साथ पहले स्थान पर है, चीन लगभग 19.4 ट्रिलियन डॉलर के साथ दूसरे स्थान पर, जर्मनी लगभग 4.7 ट्रिलियन डॉलर के साथ तीसरे और भारत चौथे स्थान पर पहुंच चुका है।
पीएम मोदी ने बताया सफलता की कारण
पीएम नरेंद्र मोदी ने इस उपलब्धि को लेकर कहा कि भारत आज दुनिया के वैश्विक ध्यान का केंद्र बना है। उन्होंने लिंक्डइन पर साझा अपने पोस्ट में लिखा कि भारत की इस सफलता के पीछे युवा जनसंख्या, नवाचार की क्षमता, सुधारों की निरंतरता और मजबूत नीतिगत इच्छाशक्ति है। (India fourth largest economy) प्रधानमंत्री के शब्दों में, “भारत रिफॉर्म एक्सप्रेस पर सवार है।” उन्होंने कहा कि पिछले 11 सालों में सरकार ने संस्थागत सुधार, सुशासन, सरल नियम-कानून और दीर्घकालिक समावेशी विकास की मजबूत नींव तैयार की, जिसका नतीजा अब सामने आ रहा है।
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सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था
भारत की सबसे बड़ी ताकत यह है कि वह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है। मजबूत घरेलू खपत, सर्विस सेक्टर की ताकत, डिजिटलाइजेशन और स्टार्टअप इकोसिस्टम ने भारत को इस मुकाम तक पहुंचाने में अपनी सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जिसमें डिजिटल इंडिया, UPI, स्टार्टअप इंडिया और मेक इन इंडिया जैसे अभियानों ने न सिर्फ निवेश को आकर्षित किया, बल्कि रोजगार और उत्पादन के नए मौके भी पैदा किए।
GST, टैक्स और बिजनेस रिफॉर्म्स का प्रभाव
पीएम मोदी ने अपने पोस्ट में बताया कि सरकार ने GST स्लैब को सरल बनाकर 5% और 18%* के ढांचे को लागू किया, जिससे आम उपभोक्ताओं, MSME, किसानों और श्रम आधारित उद्योगों को राहत मिली। (India fourth largest economy) मिडिल क्लास के लिए इनकम टैक्स में छूट, नए इनकम टैक्स एक्ट 2025, टेक्नोलॉजी-आधारित टैक्स सिस्टम और कंप्लायंस बोझ में कमी ने आर्थिक गतिविधियों को गति प्रदान की। इसके साथ ही, छोटे और मध्यम उद्योगों की परिभाषा का दायरा बढ़ाकर उन्हें आगे बढ़ने का मौका दिया गया।
सरकार ने सैकड़ों पुराने और अप्रासंगिक कानूनों को खत्म किया। लगभग 71 कानूनों को रद्द या संशोधित किया गया, जिस कारण कारोबार करना आसान हो गया। श्रम कानूनों को चार आधुनिक लेबर कोड्स में समाहित किया गया, ताकि श्रमिकों को सुरक्षा और उद्योगों को स्पष्टता मिल सके।
ट्रेड डील्स और वैश्विक विस्तार
जानकारी के मुताबिक, भारत ने न्यूजीलैंड, ओमान और ब्रिटेन के साथ ट्रेड डील्स कीं, वहीं यूरोपियन फ्री ट्रेड एसोसिएशन (EFTA) देशों के साथ समझौते लागू हुए। (India fourth largest economy) इससे भारतीय उत्पादों के लिए नए बाजार खुले और निर्यात को बढ़ावा मिला।
न्यूक्लियर और क्लीन एनर्जी से जुड़े सुधारों को भी भारत की आर्थिक ताकत का आधार बताया जा रहा है। (India fourth largest economy) सरकार का फोकस टिकाऊ विकास, तकनीक और पर्यावरण संतुलन पर है, जो आगामी सालों में भारत को और अधिक मजबूती प्रदान करेगा।
अब.. आगे की राह?
हालांकि भारत चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि तीसरे स्थान तक पहुंचने के लिए अब भी लंबी दूरी तय करनी है। (India fourth largest economy) बुनियादी ढांचे, रोजगार सृजन, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में निरंतर सुधार आवश्यक होंगे। फिर भी… साल के आखिरी दिन मिली यह उपलब्धि साफ संकेत दे रही है कि भारत सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। साल 2026 और उसके बाद के सालों में भारत न सिर्फ आर्थिक ताकत बनेगा, बल्कि वैश्विक नेतृत्व की भूमिका में भी और मजबूती से उभरेगा।
