Bangladesh: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की बेटी ने पीड़ा जताई है कि देश में भारी उथल-पुथल के बीच उनकी मां को पद से हटाए जाने के बाद वह उनसे नहीं मिल पाई हैं और इस मुश्किल वक्त में उन्हें गले नहीं लगा पाई हैं। (Bangladesh) शेख हसीना की बेटी साइमा वाजेद ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा कर इसे लेकर दुख जताया।
साइमा वाजेद ने लिखा कि ‘अपने देश, जिसे मैं प्यार करती हूं, वहां लोगों की जान जाने से दिल टूट गया है। इस बात से बेहद दुखी हूं कि इस मुश्किल समय में मैं अपनी मां से मिल नहीं सकती और उन्हें गले नहीं लगा सकती। (Bangladesh) मैं विश्व स्वास्थ्य संगठन में अपनी क्षेत्रीय निदेशक की जिम्मेदारी के प्रति प्रतिबद्ध हूं।’ बता दें कि बांग्लादेश में आरक्षण में विरोध में शुरू हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के चलते शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा और देश छोड़कर भागना पड़ा। शेख हसीना फिलहाल भारत में हैं।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि ‘सरकार शेख हसीना को ‘ठीक होने’ और अपने अगले कदम के बारे में बताने के लिए समय दे रही है।’ उन्होंने कहा, ‘बहुत जल्दबाजी में उन्होंने भारत आने के लिए अनुमति मांगी थी।’ पहले मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से कहा जा रहा था कि शेख हसीना शरण लेने के लिए लंदन जाना चाहती थीं। (Bangladesh) हालांकि उनके बेटे सजीब वाजेद ने उन अटकलों को खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा कि शेख हसीना ने कहीं भी शरण के लिए अनुरोध नहीं किया है।
Bangladesh: ‘सीरिया जैसे हालात हो सकते हैं बांग्लादेश में’
सजीब वाजेद ने देश में भारी राजनीतिक उथल-पुथल के बीच अपनी मां की पार्टी के नेताओं और अल्पसंख्यकों पर हमलों पर भी चिंता व्यक्त की। सजीब वाजेद जॉय ने आशंका जताई कि बांग्लादेश के सीरिया जैसा बनने का खतरा है। उन्होंने कहा कि ‘मैं पाकिस्तान कहना चाहता था, लेकिन ऐसा लगता है कि बांग्लादेश सीरिया जैसा बन रहा है।’ उन्होंने चेताते हुए कहा कि, ‘उन्होंने (बांग्लादेश के लोगों ने) अपना भविष्य बना लिया है। उन्हें इसके साथ जीना होगा। (Bangladesh) यह निराशाजनक होने जा रहा है, आर्थिक विकास रुकने जा रहा है, उग्रवाद जारी रहेगा।’ बांग्लादेश के नोबेल विजेता मोहम्मद यूनुस को शेख हसीना के निष्कासन के बाद सैन्य समर्थित अंतरिम सरकार का प्रमुख नामित किया गया है। सेना प्रमुख जनरल वकर-उज-जमान ने कहा कि मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली सलाहकार परिषद में 15 सदस्य हो सकते हैं।