Odisa Doomsday Fish Mystery: हाल ही में भारत के ओडिशा तट और मैक्सिको के बाजा कैलिफोर्निया सुर के तटीय क्षेत्र में एक अजीबोगरीब, लंबी रिबन जैसी मछली ओआरफिश (Oarfish) मछली दिखाई दी, जिसे ‘डूम्सडे फिश’ यानी ‘प्रलय की मछली’ कहा जाता है। इस गहरे समुद्र में रहने वाली मछली को सदियों से अशुभ संकेत माना जाता रहा है। (Odisa Doomsday Fish Mystery) जापान की 2011 की भयावह भूकंप और सुनामी से पहले भी करीब 20 ओआरफिश समुद्र किनारे मृत पाई गई थीं। हाल ही में भारत में इसे फिर देखा गया है। क्या यह महज संयोग है, या प्रकृति का रहस्यमयी चेतावनी तंत्र? शायद इस बार ओआरफिश हमें सिर्फ डराने नहीं, चेताने आई है। सवाल है क्या हम सुन पा रहे हैं? आइए जानते हैं रहस्यमयी मछली के विज्ञान, पुराण, और लोककथाओं से जुड़े पहलुओं के बारे में

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Odisa Doomsday Fish Mystery: क्या है ओआरफिश?
ओआरफिश (Regalecus glesne) को वैज्ञानिकों ने सबसे लंबी बोनफिश (हड्डीदार मछली) के रूप में वर्गीकृत किया है। इसकी लंबाई 36 फीट (11 मीटर) तक हो सकती है और यह समुद्र की गहराई में 200 से 1000 मीटर तक पाई जाती है। (Odisa Doomsday Fish Mystery) इसके शरीर की बनावट पतली, रिबन जैसी होती है और सिर पर चमकीले नारंगी रंग की फिन (पर) होते हैं, जो इसे बेहद रहस्यमयी रूप देते हैं।

क्यों कहा जाता है इसे ‘डूम्सडे फिश’?
दुनियाभर में ओआरफिश को ‘डूम्सडे फिश’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसे आमतौर पर बड़े प्राकृतिक आपदाओं के पहले देखा गया है। जापानी लोककथाओं में इसे ‘Ryugu no tsukai’ कहा गया है, जिसका मतलब है ‘समुद्री देवता का दूत’। वहां की मान्यता है कि जब यह गहरे समुद्र से सतह पर आता है, तो इसका मतलब है कि समुद्र के नीचे कुछ गड़बड़ है। जैसे कि टेक्टोनिक प्लेटों में हलचल, जो भूकंप या सुनामी का कारण बन सकती है।

जापान 2011- डरावना संयोग
2011 में जापान में जब भयानक 9.0 तीव्रता का भूकंप और उसके बाद विनाशकारी सुनामी आई, तो उससे कुछ सप्ताह पहले ही जापानी समुद्र तटों पर करीब 20 ओआरफिश मृत पाई गई थीं। (Odisa Doomsday Fish Mystery) इससे पहले भी 2010 में चिली भूकंप से पहले इस मछली के दिखने की खबरें थीं। हालांकि वैज्ञानिक इन घटनाओं को प्रमाणित रूप से जोड़ने से बचते हैं, लेकिन स्थानीय लोगों के लिए यह एक गहरी चेतावनी बन गई है।
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अब भारत में दी ओआरफिश ने दस्तक
16- 27 जून 2025 के मध्य ओडिशा के गंजाम तट पर मछुआरों ने पहली बार इस मछली को देखा। यह उनके लिए एक अजूबा था, और साथ ही डर का कारण भी। (Odisa Doomsday Fish Mystery) इसके तुरंत बाद सोशल मीडिया पर यह खबर वायरल हो गई। कुछ लोगों ने इसे समुद्री पारिस्थितिकी में बदलाव का संकेत माना। तो कुछ ने इसे किसी अनहोनी की भविष्यवाणी कहा।

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लोककथाओं और मिथकों में ओआरफिश
जापान
जैसा कि ऊपर बताया गया, जापान में इसे समुद्री देवता का दूत कहा जाता है। इसे देखने का अर्थ होता है समुद्र नाराज़ है।
चीन
चीन में इसे ‘Earthquake Fish’ कहा जाता है। वहां की पारंपरिक कथाओं के अनुसार यह मछली पृथ्वी के कंपन को महसूस कर सकती है।
फिजी और पॉलिनेशिया
इन द्वीपों में ओआरफिश को देवता की शांति भंग होने का संकेत माना जाता है।
भारत
यहां लोककथाओं में इस मछली का जिक्र कम है। अब जब यह देखी गई है, तो भारतीय जनमानस में इसके प्रति डर और जिज्ञासा दोनों पैदा हुए हैं।
वैज्ञानिक इस विचार से सहमत नहीं हैं कि ओआरफिश आपदा की भविष्यवाणी करती है। उनका कहना है कि जब समुद्र के गहरे भागों में हलचल होती है। (Odisa Doomsday Fish Mystery) जैसे समुद्र का तापमान बढ़ना, प्रदूषण, या अंडरवॉटर भूकंपीय गतिविधियां होती हैं तो ये मछलियां ऊपर की ओर आ जाती हैं और अक्सर किनारे की ओर मर जाती हैं।
हालांकि कुछ भूवैज्ञानिक यह स्वीकार करते हैं कि गहरे समुद्र में रहने वाले जीव टेक्टोनिक मूवमेंट को हमसे पहले महसूस कर सकते हैं। लेकिन इसके स्पष्ट वैज्ञानिक प्रमाण अब तक नहीं मिल सके हैं। (Odisa Doomsday Fish Mystery) एक यह भी पहलू है कि ऐसी मछलियां गहरे समुद्र से ऊपर बीमार, घायल या प्रजनन की अवस्था में आती हैं। जिससे किनारे पर आना और देखा जाना संभव होता है।
हाल के वर्षों में कहां-कहां दिखी ओआरफिश
-वर्ष 2010 चिली में भूकंप (8.8 तीव्रता)
-वर्ष 2011 जापान में भूकंप और सुनामी (9.0 तीव्रता)
-वर्ष 2017 फिलीपींस में भूकंप
-वर्ष 2020 मेक्सिको पेरू में भूकंप
-वर्ष 2025 भारत (ओडिशा), मेक्सिको -?
मछली का दिखना मनोवैज्ञानिक प्रभाव और डर की संस्कृति
डर और रहस्य हमेशा मानव मन को आकर्षित करते हैं। जब कोई अनजानी चीज़ जैसे कि यह मछली अप्रत्याशित रूप से दिखती है, तो लोग इसे अंधविश्वास से जोड़ लेते हैं। खासकर जब अतीत में इसके साथ आपदाओं का संयोग हो चुका हो। समुद्र तट पर रहने वाले समुदायों में यह डर और गहरा होता है क्योंकि उनके लिए समुद्र न केवल जीवनदायक है बल्कि विनाशक भी।
क्यों है ओआरफिश को संरक्षण की आवश्यकता
भले ही ओआरफिश के आसपास डर का माहौल हो, लेकिन यह मछली अपने आप में दुर्लभ और अद्भुत जैव विविधता का हिस्सा है। (Odisa Doomsday Fish Mystery) इसे मारना या नुकसान पहुंचाना पर्यावरणीय दृष्टि से गलत है। इसका संरक्षण जरूरी है क्योंकि यह समुद्री पारिस्थितिकी में बदलाव का संकेत दे सकती है।
ओआरफिश के साथ जुड़ी कहानियां और मान्यताएं भले ही हमें रोमांचित और चिंतित करें। लेकिन विज्ञान के आधार पर इस बात की पुष्टि नहीं की जा सकती कि, यह मछली वास्तव में किसी आपदा की पूर्वसूचना देती है। (Odisa Doomsday Fish Mystery) फिर भी, प्रकृति के हर संकेत को अनदेखा करना भी सही नहीं होगा।
संभावना है कि यह मछली समुद्र में हो रहे बदलावों को संकेतित करती है। चाहे वो तापमान हो, प्रदूषण हो या प्लेट टेक्टॉनिक्स। इसलिए ओआरफिश को केवल डर का कारण नहीं, बल्कि अध्ययन और संवेदनशीलता का विषय मानना चाहिए।