US News: अमेरिका के वरिष्ठ सांसद ब्रैड शेरमैन ने बिलावल भुट्टो जरदारी के नेतृत्व में अमेरिका पहुंचे पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान पाकिस्तान से आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की मांग की। उन्होंने विशेष रूप से जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों को समाप्त करने और देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर जोर दिया।

यह मुलाकात ऐसे समय में हुई जब कांग्रेस नेता शशि थरूर के नेतृत्व में भारतीय सांसदों का एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भी वाशिंगटन की यात्रा पर था। (US News) भारतीय प्रतिनिधिमंडल अमेरिका को कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकवादी हमले के संदर्भ में ऑपरेशन सिंदूर और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख से अवगत करा रहा है।
US News: शेरमैन ने सोशल मीडिया पर दी जानकारी
शेरमैन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर बताया कि उन्होंने पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल से जैश-ए-मोहम्मद के खात्मे की जरूरत को लेकर स्पष्ट संदेश दिया। ?(US News) उन्होंने कहा कि यह वही आतंकी संगठन है, जिसके एक सदस्य उमर सईद शेख को वॉल स्ट्रीट जर्नल के पत्रकार डेनियल पर्ल की 2002 में हुई हत्या का दोषी ठहराया गया था।
शेरमैन ने कहा, डेनियल पर्ल का परिवार आज भी मेरे निर्वाचन क्षेत्र में रहता है। पाकिस्तान को इस संगठन के खिलाफ हरसंभव कार्रवाई करनी चाहिए।
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कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान की कोशिशों को नहीं मिला समर्थन
बिलावल भुट्टो ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस और सुरक्षा परिषद के राजनयिकों से भी मुलाकात की। उन्होंने भारत के साथ तनाव और कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने का प्रयास किया। (US News) हालांकि, अमेरिकी नेताओं ने इसके बजाय पाकिस्तान से आतंकी समूहों के खिलाफ ठोस कदम उठाने की बात कही।
धार्मिक अल्पसंख्यकों की स्थिति पर चिंता
शेरमैन ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों, विशेषकर ईसाई, हिंदू और अहमदिया समुदायों के साथ होने वाले भेदभाव और हिंसा को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने पाकिस्तान से यह सुनिश्चित करने की अपील की कि इन समुदायों को बिना डर के अपने धर्म का पालन करने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेने की स्वतंत्रता दी जाए।
शेरमैन ने प्रतिनिधिमंडल से डॉ. शकील अफरीदी की रिहाई की भी मांग की, जिन्हें ओसामा बिन लादेन के खिलाफ अमेरिका को मदद देने के आरोप में पाकिस्तान में 33 साल की सजा सुनाई गई है। उन्होंने अफरीदी की रिहाई को 9/11 हमलों के पीड़ितों के प्रति न्याय का प्रतीक बताया।
अफरीदी का मामला
डॉ. अफरीदी ने खैबर पख्तूनख्वा में एक नकली पोलियो अभियान के जरिए बिन लादेन के परिवार का डीएनए जुटाने में सीआईए की मदद की थी। मई 2011 में एबटाबाद में अमेरिकी कार्रवाई के तुरंत बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। 2012 में उन्हें देशद्रोह के आरोप में सजा सुनाई गई थी।अमेरिका की ओर से पाकिस्तान को यह स्पष्ट संदेश दिया गया है कि आतंकी समूहों को पनाह देने और धार्मिक असहिष्णुता के मुद्दों को अब और नजरअंदाज नहीं किया जाएगा। यह रुख भारत के साथ साझा चिंता और वैश्विक सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।