World Alzheimer’s Day: दुनियाभर में अल्जाइमर रोग का जोखिम बढ़ता हुआ देखा जा रहा है। साल 2020 के आंकड़ों के मुताबिक 55 मिलियन (5.5 करोड़) से अधिक लोग अल्जाइमर और इसके कारण होने वाली डिमेंशिया रोग के शिकार थे। यह संख्या हर दो दशकों में लगभग दोगुनी होने की आशंका जताई गई है। चीजों को भूल जाने, याददाश्त में कमी, तर्क करने की क्षमता में दिक्कत वाली ये बीमारी उम्र बढ़ने के साथ बहुत आम है।
अल्जाइमर रोग और डिमेंशिया के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इसकी चुनौतियों से निपटने के उद्देश्य से हर साल 21 सितम्बर को वर्ल्ड अल्जाइमर डे मनाया जाता है।
भूलने की समस्या, समय पर चीजों या किसी के नाम को याद न कर पाना सामान्य है। (World Alzheimer’s Day) पर अगर आपको अक्सर ये दिक्कत होती रहती है, इसके कारण आपकी दैनिक गतिविधियों पर असर हो रहा है तो इसपर ध्यान दिया जाना जरूरी हो जाता है। कहीं ये किसी न्यूरो-साइकेट्रिक समस्या के कारण तो नहीं है?
लिखते-बोलते समय चीजों या लोगों का नाम न याद आने को मेडिकल की भाषा में ‘एनोमिया’ की दिक्कत कहा जाता है। इस विकार से पीड़ित लोगों को अक्सर ऐसा लगता है कि उनके जीभ पर ही शब्द है पर उसे व्यक्त नहीं कर पा रहे हैं। (World Alzheimer’s Day) कहीं आपको या किसी जानने वाले को इस तरह की दिक्कत तो नहीं?
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World Alzheimer’s Day: बोलने के लिए समय पर सही शब्द न मिल पाना
अक्सर आपने एक मशहूर भारतीय क्रिकेटर को कई इंटरव्यू के दौरान चीजों या खिलाड़ियों का नाम भूलते हुए देखा होगा। उदाहरण के लिए जैसे उन्हें बताना हो कि किसी खिलाड़ी को फील्डिंग के लिए फाइन लेग पर भेजा और उसने बेहतरनी कैच पकड़ लिया। इसे वह ऐसे बोलते दिखते हैं- मैंने उसे वहां भेजा और उसने बढ़िया कैच पड़ लिया।
हमारे आसपास भी ऐसे लोग हो सकते हैं, जिन्हें आप चीजों का नाम भूलते नोटिस तो करते हैं पर जानकारी के अभाव में इसे कभी समस्या नहीं मानते। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, इसपर गंभीरता से ध्यान दिए जाने की जरूरत है। कुछ स्थितियों में ये अल्जाइमर रोग का लक्षण भी हो सकता है।
एनोमिया की समस्या क्या है?
एनोमिया या एनोमिक अफेसिया को भाषा विकार के रूप में जाना जाता है। (World Alzheimer’s Day) इसमें आपके दिमाग में चीजें तो होती हैं पर बोलने के धाराप्रवाह में उसके लिए सही शब्द नहीं मिल पाते हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि स्ट्रोक, सिर में दर्दनाक चोट या ट्यूमर के कारण होने वाली ब्रेन डैमेज की समस्या इसका कारण बन सकती है।
विशेषज्ञ बताते हैं, एनोमिया की समस्या को मुख्यरूप से मस्तिष्क के बाएं हिस्से में होने वाली क्षति का परिणाम माना जाता है। दाएं हाथ वाले लोगों के लिए मस्तिष्क का बायां हिस्सा भाषा को नियंत्रित करने और इसके चयन में मदद करता है। हालांकि एनोमिया के लिए हर बार जरूरी नहीं है कि मस्तिष्क में चोट लगी ही हो।
वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ सत्यकांत त्रिवेदी बताते हैं, इस तरह की समस्याओं पर ध्यान देना इसलिए जरूरी है क्योंकि अल्जाइमर रोग और डिमेंशिया जैसी न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों के शुरुआती चरणों में भी एनोमिया के लक्षण हो सकते हैं। (World Alzheimer’s Day) इसके अलावा लंबे समय से तनाव के शिकार लोगों में स्ट्रोक होने का जोखिम बढ़ जाता है जो एनोमिक अपेसिया का कारण बन सकती है।
समय पर इन समस्याओं का निदान और उपचार प्राप्त करके कई तरह के न्यूरोसाइकेट्रिक विकारों के खतरे कम को करने में मदद मिल सकती है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
डॉ सत्यकांत कहते हैं, अगर आपको लगता है कि आप या आपके किसी परिचित में एनोमिया के लक्षण हैं तो उन्हें उचित निदान और इलाज लेने की सलाह दें। (World Alzheimer’s Day) स्पीच और विजुअल एक्शन थेरेपी आदि की मदद से इस तरह की समस्याओं में आराम पाया जा सकता है। निदान के दौरान ये भी जाना जा सकता है कि कहीं मस्तिष्क में कोई क्षति तो नहीं है?
न्यूरोसाइकेट्रिक विकारों के बढ़ते मामले गंभीर और दीर्घकालिक समस्याओं का कारण बन सकते हैं इसलिए समय रहते इनका पता करना और इलाज लेना जरूरी है।