Pakistan Politics: पाकिस्तान की सियासत में एक बार फिर बड़ा धमाका होने आशंका है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की 11 जून को जमानत की अटकलें तेज हो गई हैं। PTI के वरिष्ठ नेता गौहर अली खान के हालिया किये गए दावे ने इन चर्चाओं को और हवा दे दी है। (Pakistan Politics) उन्होंने कहा है कि इमरान खान को रावलपिंडी की अदियाला जेल से 11 जून को रिहाई मिल सकती है। यह वही डेट है जब इस्लामाबाद हाईकोर्ट में अल-कादिर ट्रस्ट मामले की सुनवाई निर्धारित है।

Pakistan Politics: इमरान खान की पार्टी और समर्थक की मांग
गौरतलब साल 2023 अगस्त महीने में जेल में बंद इमरान खान की पार्टी और समर्थक लगातार जमानत करने की मांग करते आ रहे हैं। (Pakistan Politics) इमरान खान ने हाल ही में खुद को पीटीआई का संरक्षक ऐलान करते हुए जेल से ही देशव्यापी आंदोलन छेड़ने के लिए कहा है। इससे पाकिस्तानी सेना, विशेषकर सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर पर राजनीतिक और जनता पर दबाव दोनों बढ़ गए हैं।
गौहर अली खान ने कराची में ARY न्यूज से बात करते हुए दावा किया कि 11 जून का दिन इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी, जो कि तोशाखाना मामले में 14 साल के लिए जेल में सजा काट रही हैं, दोनों के लिए महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने यह भी साफ़ कर दिया है कि इमरान खान की संभावित रिहाई किसी समझौते या सौदेबाजी का नतीजा नहीं होगी।
इमरान के जेल जाने पर असीम मुनीर हैं जिम्मेदार
इमरान खान के जेल जाने के पीछे वह स्पष्ट रूप से सेना प्रमुख असीम मुनीर को जिम्मेदार ठहराते आये हैं। (Pakistan Politics) उनका आरोप है कि मुनीर ने न सिर्फ उनकी सरकार गिरवाई, बल्कि निजी दुश्मनी के कारण उन्हें और उनकी पत्नी को गिरफ्तार कराया गया। उन्होंने जेल में अपनी पत्नी के साथ हो रहे अमानवीय व्यवहार पर भी कड़ी प्रतिक्रिया दी थी।
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‘ऑपरेशन सिंदूर’ से पकिस्तान पड़ा कमज़ोर
इन घटनाक्रमों के बीच भारत द्वारा हाल ही में किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने भी पाकिस्तान की सेना की रणनीतिक कमजोरियों को सामने लाकर रख दिया है। (Pakistan Politics) इस कार्रवाई के बाद जनरल मुनीर पर पहले से ही दबाव था और अब इमरान खान के जन समर्थन और आंदोलन के एलान ने उनकी समस्या और बढ़ा दी हैं।
हालांकि, इमरान खान ने पर्दे के पीछे किसी भी तरह की बातचीत या समझौते की बात से सीधे मना किया है, लेकिन लोगों का मानना है कि देश में बदली सियासी हवा और जनता का रुख सेना को पीछे हटने के लिए मजबूर कर सकता है।
अब 11 जून को पाकिस्तान की राजनीति में क्या मोड़ आता है, यह देखना बहुत दिलचस्प होने वाला है। यदि इमरान खान को रिहाई मिलती है, तो यह न केवल उनकी सियासी वापसी की शुरुआत होगी, बल्कि सेना और न्यायपालिका के संबंधों में भी एक नया अध्याय जोड़ सकती है।