Taiwan Earthquake: बीते बुधवार (2 अप्रैल) को ताइवान की राजधानी ताइपे में 7.4 तीव्रता का भूकंप आया, जिससे भारी तबाही हुई है। भूकंप के झटके जापान और फिलीपींस तक महसूस किए गए। ताइवानी मीडिया के अनुसार, इस विनाशकारी भूकंप में अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है और 700 से ज्यादा लोग घायल हैं।
ताइवानी मीडिया की मानें तो अब भी लगभग 77 लोग इमारतों के मलबे में फंसे हुए हैं और रेस्क्यू टीम उन्हें सुरक्षित निकालने की कोशिश में लगी हुई है. इतना ही नहीं भूकंप से बिजली के तारों और पावर प्लांट को भी नुकसान पहुंचा है. जिसके कारण वर्तमान में ताइपे के लगभग 91 हजार घरों में बिजली नहीं है.
ताइवान में बुधवार को आए भूकंप के झटके को लेकर कहा जा रहा है कि यह 25 सालों में आया इस देश का सबसे भीषण भूकंप है. इस विनाशकारी भूकंप ने भारत के हिमाचल में हुए उस प्रलय की यादें ताजा कर दी हैं. जिसमें हजारों लोगों ने अपनी जान गवा दी थी.
Taiwan Earthquake: भारत में भी आया था ताइवान जैसा भूकंप
ऐसा ही जोरदार भूकंप 4 अप्रैल 1905 को भारत के हिमाचल में आ चुका है. (Taiwan Earthquake) दावा किया जाता है कि उस दौरान हिमाचल के कांगड़ा की धरती 7.8 रिक्टर स्केल की तीव्रता से थर्रा गई थी और यह जिला पूरी तरह मलबे में तब्दील हो गया था. इस घटना में 20 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी.
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कांगड़ा में भूकंप के झटके सुबह के करीब 6 बजकर 19 मिनट पर महसूस किए गए थे. ये वो समय था जब पूरा जिला चैन की नींद सो रहा था. ये भी एक कारण है कि इस झटके में हजारों की संख्या में लोग मारे गए. कहा जाता है कि सुबह का समय होने के कारण ज्यादातर लोग अपनी इमारतों में सो रहे थे और उन्हें घर से भागकर बाहर खुली जगह पर आने का मौका ही नहीं मिल पाया.
इस दिन भूकंप के झटके करीब दो मिनट तक लगातार महसूस किए गए थे. आपदा प्रबंधन के अनुसार इस दौरान लगभग 20 हजार से ज्यादा लोगों की मौत तो हुई ही थी. साथ में 53 हजार पशुओं की भी जान चली गई थी और लगभग 1 लाख घर गिर गए थे.
भूकंप ने प्रसिद्ध मंदिर को तबाह कर दिया था
कांगड़ा में हुए भकूंप से यहां के प्रसिद्ध ब्रजेश्वरी मंदिर को भी काफी नुकसान हुआ था. (Taiwan Earthquake) इस मंदिर का गुंबद भी गिर गया था. आज भी इस जिले में कई मंदिरों का मलबा पड़ा हुआ हैं.
इन भूकंप ने भी देश को दहला दिया था
1904 में आए भूकंप के अलावा साल 1975 में किन्नौर में भी भयानक भूकंप आया था. इसके अलावा 28 फरवरी, 1906 में भी कुल्ली में 6.4 तीव्रता से भूकंप महसूस किए गए थे.
भूकंप के लिहाज से संवेदनशील जोन है हिमाचल प्रदेश
वहीं साल 2021 के सिर्फ एक महीने के भीतर अक्टूबर और नवंबर में छह बार हिमाचल की धरती डोल चुकी थी.
भूकंप आने का कारण
पृथ्वी की सतह के नीचे या यूं कहे कि धरती के अंदर हमेशा उथल-पुथल मची रहती है. (Taiwan Earthquake) पृथ्वी के भीतर मौजूद प्लेटें लगातार आपस में टकराती या दूर खिसक रही होती हैं. यही कारण है कि हर साल भूकंप आते रहते हैं.
भूकंप को समझने से पहले हमें धरती के नीचे मौजूद प्लेटों की संरचना को समझना बेहद जरूरी है. जानकारों की मानें तो धरती में 12 टैक्टोनिक प्लेटें होती हैं. (Taiwan Earthquake) इन प्लेटों के आपस में टकराने पर जो ऊर्जा निकलती है, उसे ही भूकंप कहा जाता है.
दुनिया में सबसे ज्यादा भूकंप कहां आता?
दुनिया में सबसे ज्यादा भूकंप इंडोनेशिया में आता है, यह देश रिंग ऑफ फायर में स्थित है. जिस कारण यहां ज्यादा भूकंप आते हैं. इसके अलावा जावा और सुमात्रा भी इसी क्षेत्र में आते हैं. (Taiwan Earthquake) प्रशांत महासागर के पास स्थित यह क्षेत्र दुनिया का सबसे खतरनाक भू-भाग कहा जाता है.