Sadhguru Health: लखनऊ ईशा फाउंडेशन के संस्थापक और आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु जग्गी वासुदेव की रविवार को दिल्ली के एक निजी अस्पताल में ब्रेन सर्जरी हुई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सद्गुरु को मस्तिष्क में गंभीर रक्तस्राव की समस्या थी, जिसके जानलेवा दुष्प्रभाव हो सकते थे। इस वजह से आपातकालीन ब्रेन सर्जरी करनी पड़ी।
फिलहाल, सद्गुरु की हालत में सुधार हो रहा है। (Sadhguru Health) सर्जरी के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो संदेश में उन्होंने बताया कि वे ठीक हैं और जल्द ही लोगों से फिर मिलेंगे।
Sadhguru Health: सद्गुरु के बारे में
सद्गुरु जग्गी वासुदेव एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु और योग शिक्षक हैं। उन्होंने 1992 में ईशा फाउंडेशन की स्थापना की, जो योग, ध्यान और आध्यात्मिक शिक्षा प्रदान करता है। (Sadhguru Health) सद्गुरु ने दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रेरित किया है और उन्हें जीवन जीने का एक नया तरीका सिखाया है।
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सद्गुरु को सबड्यूरल हेमेटोमा की समस्या
अस्पताल की ओर से जारी बयान में न्यूरोलॉजिस्ट ने बताया, दर्द की गंभीरता के बावजूद सद्गुरु ने अपना सामान्य दैनिक कार्यक्रम और सामाजिक गतिविधियां जारी रखीं। यहां तक कि 8 मार्च को महा शिवरात्रि समारोह भी आयोजित किया। 15 मार्च तक उनकी तबीतय बिगड़ती गई। (Sadhguru Health) डॉक्टर्स की टीम को सबड्यूरल हेमेटोमा का संदेह हुआ और तत्काल एमआरआई की सलाह दी गई। जांच में पता चला कि मस्तिष्क की सूजन बढ़ गई थी, बड़े पैमाने पर रक्तस्राव हुआ है।
आइए जानते है कि सबड्यूरल हेमेटोमा की समस्या क्या होती है ये कितनी गंभीर हो सकती है?
सबड्यूरल हेमेटोमा और इसके कारण होने वाली समस्या
सबड्यूरल हेमेटोमा, खोपड़ी के नीचे मस्तिष्क की सतह पर खून के एकत्रित होने की समस्या है। इस प्रकार का रक्तस्राव आमतौर पर सिर पर चोट लगने के बाद होता है। कुछ स्थितियों में ये स्थिति अक्यूट या क्रोनिक भी हो सकती है। खोपड़ी और मस्तिष्क की सतह के बीच किसी नस के फट जाने के कारण ये दिक्कत हो सकती है। मस्तिष्क की सतह पर रक्त के थक्के बनने की स्थिति कई प्रकार की गंभीर समस्याओं का भी कारण बन सकती है।
सबड्यूरल हेमेटोमास की समस्या जानलेवा मानी जाती है, जिसमें आपातकालीन चिकित्सा की जरूरत होती है।
कैसे जानें कहीं मस्तिष्क में हो तो नहीं रही है ब्लीडिंग?
अक्यूट सबड्यूरल हेमेटोमा के लक्षण काफी स्पष्ट होते हैं, इसके कारण कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा रहता है। सबड्यूरल हेमेटोमा के कारण बोलने में कठिनाई होने, चेतना की हानि या कोमा की समस्या, शरीर के एक तरफ लकवा, गंभीर सिरदर्द, कमजोरी, चलने और देखने में समस्या, भ्रम या व्यक्तित्व बदलाव की दिक्कत हो सकती है।
यदि किसी व्यक्ति में इस तरह के एक से दो लक्षण हों तो तुरंत आपातकालीन विभाग में जाना चाहिए। क्रोनिक सबड्यूरल हेमेटोमा के कारण डिमेंशिया, स्ट्रोक, ट्यूमर या मस्तिष्क में अन्य गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
किन लोगों में इस तरह का खतरा, कैसे करें बचाव?
सबड्यूरल हेमेटोमा के अधिकतर मामले आमतौर पर मस्तिष्क में चोट के कारण होती है। इसके अलावा भारी मात्रा में शराब पीने वाले लोगों में भी इस गंभीर समस्या का जोखिम अधिक देखा जाता रहा है। (Sadhguru Health) सबड्यूरल हेमेटोमा के जोखिमों से बचाव के लिए जरूरी है कि सिर को किसी भी तरह के चोट से बचाएं। मोटरसाइकिल चलाते समय हेलमेट और कार में सीट बेल्ट लगाना महत्वपूर्ण है।
इसके अलावा रक्त को पतला करने वाली दवाएं किसी चिकित्सक की सलाह पर ही लें, इसके कारण भी जोखिम हो सकता है। शराब पीने वालों में भी ब्रेन ब्लीडिंग का खतरा अधिक हो सकता है, इसलिए जरूरी है कि शराब से दूरी बनाकर रखें।