
Russia India China: भारत ने ब्रिक्स समूह के अन्य सदस्य देशों के साथ मिलकर ईरान पर हुए हालिया सैन्य हमलों की आलोचना की है। ब्रिक्स ने 13 जून से शुरू हुए इन हमलों को अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन बताया है। यह संयुक्त बयान मंगलवार को ब्राजील के विदेश मंत्रालय द्वारा जारी किया गया, जो इस वर्ष ब्रिक्स की अध्यक्षता कर रहा है।
ब्रिक्स, जिसमें भारत, रूस, चीन, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, ईरान, मिस्र, इथियोपिया, संयुक्त अरब अमीरात और इंडोनेशिया शामिल हैं, ने इस बयान में मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव और सुरक्षा स्थिति के लगातार बिगड़ते हालात पर गहरी चिंता जताई है। समूह ने सभी पक्षों से संयम बरतने और कूटनीतिक मार्ग से समाधान निकालने की अपील की। इस घटनाक्रम को भारत की कूटनीतिक रणनीति में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है। (Russia India China) कुछ ही दिन पहले, भारत ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के उस बयान से दूरी बना ली थी, जिसमें इजरायली हमलों की निंदा की गई थी। भारत ने स्पष्ट किया था कि उसने एससीओ के बयान पर चर्चा में हिस्सा नहीं लिया और उसकी प्राथमिकता तनाव कम करने के लिए संवाद को बढ़ावा देना है।
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ब्रिक्स के इस बयान में सीधे तौर पर इजरायल या अमेरिका का नाम नहीं लिया गया, जिससे भारत के लिए इसका समर्थन करना सहज रहा। कूटनीतिक सूत्रों के अनुसार, यह लहजा भारत की संतुलित विदेश नीति के अनुरूप है। (Russia India China) ईरान ने भारत की इस स्थिति की सराहना करते हुए दिल्ली में स्थित अपने दूतावास के माध्यम से भारतीय समाज और संस्थाओं के प्रति आभार जताया।
Russia India China: परमाणु हथियारों से मुक्त रखने की आवश्यकता
ब्रिक्स ने बयान में यह भी कहा कि ईरान पर हुए सैन्य हमले न केवल अंतरराष्ट्रीय कानून बल्कि IAEA (अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी) के दिशा-निर्देशों का भी उल्लंघन हैं, विशेषकर जब यह हमले नागरिक इलाकों और परमाणु सुविधाओं को निशाना बना रहे हैं। (Russia India China) साथ ही, क्षेत्र को परमाणु हथियारों से मुक्त रखने की आवश्यकता पर जोर दिया गया। भारत ने संघर्ष के बीच अमेरिका और कतर की मध्यस्थता से घोषित युद्धविराम का स्वागत किया है। साथ ही, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में ईरान के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति मसूद पेज़ेशकियान से बातचीत कर क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने के प्रयासों पर चर्चा की।
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यह घटनाक्रम बताता है कि भारत पश्चिम एशिया में न केवल अपनी कूटनीतिक सक्रियता बढ़ा रहा है, बल्कि वैश्विक मंचों पर भी संतुलित और स्वायत्त विदेश नीति का पालन कर रहा है। ब्रिक्स की ओर से जारी यह बयान इसी रणनीतिक दृष्टिकोण की पुष्टि करता है।
अगले महीने होगा शिखर सम्मेलन
आगामी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 5-6 जुलाई को रियो डी जनेरियो में आयोजित किया जाएगा, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी के भाग लेने की संभावना है। (Russia India China) इस मंच के माध्यम से भारत को अपनी वैश्विक भूमिका को और सशक्त करने का अवसर मिलेगा, खासकर ऐसे समय में जब मध्य पूर्व में हालात बेहद नाजुक हैं।