PIA fuel shortage: पाकिस्तान की सरकारी विमानन कंपनी पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) को तेल की भारी कमी के कारण अपनी उड़ान को कैंसिल करना पड़ा है। सोमवार को भी एयरलाइन ने कराची, लाहौर, इस्लामाबाद, क्वेटा, बहावलपुर, मुल्तान, ग्वादर और पाकिस्तान के अन्य शहरों से 26 उड़ानें रद्द कर दीं।
PIA fuel shortage: पाकिस्तान में ईंधन संकट
पीआईए ने यह बयान ऐसे समय पर जारी किया है जब पाकिस्तान की सरकारी तेल कंपनी ने एक दिन पहले ही कहा था कि उसे तेल की सप्लाई करने के लिए 22 करोड़ डॉलर का अग्रिम पैसा मिला है। इस तेल को पीआईए के 39 विमानों को दिया जाना था। वहीं पीआईए ने एक बयान जारी करके कहा कि उसे केवल 4 विमानों के लिए ही तेल मिला है।
ईंधन की कमी की वजह से पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइन की उड़ानें कई महीनों से गंभीर रूप से प्रभावित हुई हैं। पीआईए के प्रवक्ता ने बताया कि प्रभावित यात्रियों को वैकल्पिक उड़ानें उपलब्ध कराई गईं। (PIA fuel shortage) इस बीच, पीआईए के अनुसार आज कराची से केवल तीन उड़ानें उड़ान भरेंगी। 21 अक्टूबर को PIA ने दो दिन की ईंधन आपूर्ति के लिए पाकिस्तान स्टेट ऑयल को PKR 220 मिलियन (लगभग 789000 USD) का भुगतान किया। जियो न्यूज ने यह जानकारी दी है।
पीआईए के प्रवक्ता ने कहा कि एयरलाइन ने ईंधन के प्रावधान के लिए पीएसओ को अब तक 500 मिलियन रुपये का भुगतान किया है। उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान एयरलाइन पीएसओ को प्रतिदिन भुगतान कर रहा है। पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइन वर्तमान में सऊदी अरब, कनाडा, चीन, कौला लुम्पुर और अन्य सहित मार्गों के लिए ईंधन प्राप्त कर रहा है।
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इस बीच, पीआईए के प्रवक्ता ने कहा है कि रविवार को 81 सिड्यूल फ्लाइट में से केवल 11 उड़ानों का ही संचालन हो सका। उन्होंने दावा किया कि सरकारी तेल कंपनी को तेल के लिए अग्रिम भुगतान किया जा चुका है। (PIA fuel shortage) उन्होंने कहा कि पैसा देने के बाद भी हमें तेल नहीं दिया गया जिससे इतनी बड़ी तादाद में उड़ानों का संचालन रोकना पड़ा।
पीआईए ने 22.9 अरब रुपये की आपातकालीन राहत राशि मांगी थी, जिसे पाकिस्तान की आर्थिक समन्वय समिति (ECC) ने खारिज कर दिया था। (PIA fuel shortage) पीआईए ने यह भी चेतावनी दी थी कि बोइंग और एयरबस सितंबर के मध्य तक स्पेयर पार्ट्स की आपूर्ति निलंबित कर सकते हैं।
पाकिस्तान में ईंधन की कमी एक गंभीर समस्या है। देश को अपनी ऊर्जा जरूरतों का लगभग 80% आयात करना पड़ता है। बढ़ती महंगाई और आर्थिक संकट के कारण ईंधन की कीमतें आसमान छू रही हैं।