Pakistani Nurse Fraud: सऊदी अरब में पाकिस्तानी नर्सों के साथ ऐसा काम हो गया कि पत्रकार कमर चीमा को पाकिस्तान की सरकार को लताड़ना पड़ा. दरअसल, सऊदी अरब ने पाकिस्तान की 92 नर्सों को मार्च में वापस पाकिस्तान भेज दिया था. इसके पीछे का कारण फर्जीवाड़ा बताया गया. सऊदी के अधिकारियों ने जांच में पाया कि जो नर्से यहां काम कर रही थीं, उनकी सत्यापन रिपोर्ट फर्जी थी. उन्हें भर्ती करने वाली कंपनी ने कई नर्सों को एक ही सत्यापन रिपोर्ट दी थी. ऑनलाइन स्क्रीनिंग के दौरान सरकार को इस जालसाजी के बारे में पता चला तो उन्हें उनके देश वापस लौटा दिया गया.
वहीं, जिस संस्थान ने यह जालसाजी की , उसे ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है. इस खबर के बाद पाकिस्तानी पत्रकार कमर चीमा भड़क गए और सरकार को जमकर लताड़ा. (Pakistani Nurse Fraud) चीमा ने कहा कि पाकिस्तान सऊदी को भाई कहता है और हम उनके साथ धोखाधड़ी करते हैं. उन्होंने कहा कि थोड़े से पैसों के चक्कर में अपनी इमेज खराब की और उन नर्स का जीवन बर्बाद कर दिया. ये शॉर्टकट का नशा है. एक तरफ हम सऊदी को भाई कहते हैं और हम ही उनके साथ फ्रॉड कर रहे हैं.
Pakistani Nurse Fraud: भारतीय ज्यादा ईमानदार
कमर चीमा ने पाकिस्तान सरकार की कमियां बताकर भारत की भी तारीफ की. उन्होंने कहा, भारतीय और पाकिस्तानी सऊदी में मिलकर काम कर रहे हैं, लेकिन मेडिकल की फील्ड में इनकी संख्या ज्यादा है. हमारे यहां डॉक्टरों की इज्जत नहीं है, अच्छी बात है कि नर्सों को धोखाधड़ी में जेल नहीं भेजा गया. भारतीय लोगों के पास हमसे ज्यादा अच्छे मौके हैं, क्योंकि वो ज्यादा पढ़ कर आते हैं, ज्यादा ईमानदार और ज्यादा विश्वसनीय हैं. (Pakistani Nurse Fraud) उन्होंने कहा कि हमने हरकतें नहीं सुधारी तो पाकिस्तान की जगह भारत ले लेगा, क्योंकि भारतीय किसी भी जॉब को करते हैं, उसमें समय देते हैं, वे किसी भी पॉलिटिकल चीज में नहीं फंसते, इसलिए उनकी काफी इज्जत होती है.
भारत से सीखना चाहिए
भारतीय कोई भी ऐसा काम नहीं करते, जिससे सऊदी का कानून टूटे, लेकिन पाकिस्तानी हर चीज में फंसते हैं.हाल ही में सऊदी ने पाकिस्तानियों को पकड़ा है, जो इजरायल के खिलाफ नारे लगा रहे थे. (Pakistani Nurse Fraud) उन्होंने आगे कहा कि हर आदमी के अंदर जिहादी घुसा हुआ है. मस्जिदों में मौलवी हर समय लोगों को भड़काते हैं. इसलिए भाई किसी भी राजनीतिक गतिविधि में न फंसे और आराम से पढ़ाई करें, सबसे अच्छी बात ये है कि उन नर्सों पर सऊदी ने कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की.