Pakistan in Tension: भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार (1 फरवरी) को वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट संसद में पेश किया है. इस बजट में 6.81 ट्रिलियन रुपये (78.70 अरब डॉलर) का रक्षा खर्च प्रस्तावित है. इस बार के बजट में आधुनिकीकरण और रक्षा खरीद पर विशेष तौर पर ध्यान दिया गया है. (Pakistan in Tension) विश्लेषकों का कहना है कि भारत के रक्षा बजट में चीन और पाकिस्तान को ध्यान में रखते हुए सेना को आधुनिक बनाने का प्रयास किया गया है.
वहीं, दूसरी ओर भारत के रक्षा बजट को देखकर पाकिस्तान में टेंशन का माहौल है. पाकिस्तान के राजनीतिक टिप्पणीकार कमर चीमा ने कहा, “चीन तो बड़ी ताकत है, लेकिन इस्लामाबाद में इससे टेंशन बढ़ने वाली है.”
कमर चीमा ने अपने एक वीडियो में कहा, “भारत ने अपना डिफेंस बजट फिर से बढ़ा दिया है. इसके अलावा उसने मालदीव और अन्य पड़ोसी देशों को मदद भी बढ़ा दी है. (Pakistan in Tension) यह उसकी पूरे क्षेत्र में प्रभाव बढ़ाने की कोशिश है.” उन्होंने कहा, “भारत के इस साल का बजट पिछले साल के मुकाबले 10 प्रतिशत ज्यादा है. इससे यह साफ जाहिर है कि यह पाकिस्तान जैसे छोटे मुल्क के सामने कितना बड़ा चैलेंज है. भारत भले ही यह कहे कि ये सुरक्षा के लिए है, लेकिन वो लगातार खतरनाक हथियार खरीद रहा है.”
Pakistan in Tension: अपनी सेना को आधुनिक बनाने में लगा है भारतः कमर चीमा
पाकिस्तानी एक्सपर्ट कमर चीमा ने कहा, “भारत लगातार अपनी सेना को आधुनिक बनाने में लगा है. इससे जाहिर है कि उसकी नजर पाकिस्तान और चीन पर है. (Pakistan in Tension) भारत नए एयरक्राफ्ट खरीद रहा है. हवा में ताकत बढ़ाने के पीछे वजह पाकिस्तान है. वो नहीं चाहता कि 2019 के जैसी स्थिति फिर से पैदा हो.”
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भारतीय सेना के पास पैसे की कोई कमी नहीः चीमा
कमर चीमा ने आगे कहा, “भारतीय सेना के पास बहुत पैसा है. सवा सौ अरब पिछले साल का अभी भी उनके पास बाकी है, जो अभी खर्च नहीं हो सका है. फिलहाल वो इस पर काम कर रहे हैं कि ये पैसा कैसे खर्च होगा.” उन्होंने कहा, “भारत अपनी फौज की संख्या भी बढ़ाकर 20 लाख तक लेकर जाने की योजना बना रहा है ताकि वह चीन से सीधे तौर पर मुकाबला कर सके. वहीं, पाकिस्तान के पास तो मात्र 4-5 लाख की ही फौज है.”
उन्होंने आगे कहा, “ये सच है कि आज ड्रोन और दूसरी तकनीकें में जिस तरह से इजाफा हुआ है, उसने युद्ध के तौर तरीके ही बदल दिए हैं. इसी को लेकर भारत का ध्यान है कि कैसे उसकी सेना तकनीकी रूप से बेहतर हो.”