Pakistan IMF Loan: पाकिस्तान की नई सरकार भारी कर्ज के बोझ तले दबी हुई है। नया कर्ज प्राप्त करने के लिए, पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से सहायता प्राप्त करने का प्रयास कर रहा है। (Pakistan IMF Loan) इसी बीच, आईएमएफ ने पाकिस्तान से चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) परियोजनाओं के बारे में सवाल उठाए हैं।
आईएमएफ को इस बात की चिंता है कि कहीं पाकिस्तान कर्ज के रूप में प्राप्त धन का उपयोग चीनी कंपनियों को भुगतान करने के लिए न करे। (Pakistan IMF Loan) एक रिपोर्ट के अनुसार, आईएमएफ ने पाकिस्तान से पूछा है कि क्या वह मौजूदा वित्तीय वर्ष में चीनी बिजली संयंत्रों के लिए 48 अरब रुपये का अतिरिक्त आवंटन कर रहा है।
पाकिस्तान ने आईएमएफ को आश्वस्त किया है कि वह चीनी बिजली संयंत्रों के बकाया ऋण का भुगतान करने के लिए कोई अतिरिक्त आवंटन नहीं करेगा। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, जनवरी 2024 तक सीपीईसी की बिजली परियोजनाओं का बकाया ऋण बढ़कर 493 अरब पाकिस्तानी रुपये (लगभग 2.7 अरब अमेरिकी डॉलर) हो गया है।
यह स्थिति पाकिस्तान के लिए गंभीर चिंता का विषय है। भारी कर्ज के बोझ और आईएमएफ की चिंताओं के कारण, पाकिस्तान को अपनी अर्थव्यवस्था को स्थिर करने में कठिनाई हो रही है।
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Pakistan IMF Loan: पाकिस्तान के सामने कर्ज की समस्या
दरअसल, पाकिस्तान में हाल ही में हुए चुनाव के बाद बिलावल भुट्टो जरदारी की पार्टी और नवाज शरीफ की पार्टी ने मिलकर सरकार बनाई है. नवाज शरीफ के भाई शहबाज शरीफ इस समय पाकिस्तान के प्रधानमंत्री हैं. पाकिस्तान इस समय गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है. सरकार चलाने के लिए सरकारी खजाने में पैसे नही हैं, ऐसे में पाकिस्तान को आईएमएफ से कर्ज लेना मजबूरी बन गई है.