Slum Area: 2023 में देशभर में विकास परियोजनाओं और सरकारी योजनाओं के नाम पर रिकॉर्ड संख्या में झुग्गी-बस्तियां उजारी गईं। (Slum Area) एक रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में 60,486 झुग्गियां हटाई गईं, जो 2022 में 48,976 थी। यह संख्या पिछले 10 वर्षों में सबसे अधिक है।
इन झुग्गियों में रहने वाले लोगों को बेघर कर दिया गया है, जिनमें से कई को अभी तक पुनर्वास नहीं मिला है। (Slum Area) रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023 में केवल 23,791 लोगों को सरकारी आवास योजनाओं के तहत घर दिए गए, जो कि उजारी गई झुग्गियों में रहने वाले लोगों की संख्या का केवल 39% है।
झुग्गी-झोपड़ियों को हटाने के पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं। कुछ मामलों में, यह शहरी विकास परियोजनाओं के लिए जगह बनाने के लिए किया गया था, जैसे कि सड़कों का निर्माण, मेट्रो लाइनें, और रेलवे स्टेशन। अन्य मामलों में, यह सरकारी योजनाओं के तहत लोगों को बेहतर आवास प्रदान करने के लिए किया गया था, जैसे कि प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY)।
हालांकि, झुग्गी-झोपड़ियों को हटाने के तरीके पर कई सवाल उठाए गए हैं। (Slum Area) आलोचकों का कहना है कि अक्सर लोगों को उचित नोटिस दिए बिना और पुनर्वास के लिए पर्याप्त मुआवजा दिए बिना हटा दिया जाता है। वे यह भी कहते हैं कि सरकारी आवास योजनाएं हमेशा झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों की जरूरतों को पूरा नहीं करती हैं।
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Slum Area: झुग्गी से बेदखल किए गए लोगों के साथ क्या होता है
‘इंस्टीट्यूट ऑफ टाउन प्लानर्स इंडिया’ के अध्यक्ष आकाश झा ने इस सवाल के जवाब में कहा, “ऐसे लोग जो झुग्गी झोपड़ियों को गिराने से प्रभावित होते हैं, (Slum Area) उन्हें संबंधित सरकारी विभागों के अनुरोध पर, नगर नियोजकों द्वारा ‘परियोजना-प्रभावित व्यक्ति’ कार्यक्रम के तहत अस्थायी घर प्रदान किया जाता है. इसके कई बार उन्हें बेहतर मुआवजा भी दिया जाता है.”
मुंबई के धारावी का रीडेवलपमेंट प्लान के बारे में भी जान लीजिए
इस प्रोजेक्ट के तहत मुंबई के धारावी में रहने वाले लगभग 68,000 परिवारों को दूसरी जगह बसाया जाएगा और हर परिवार को 405 वर्ग फीट कारपेट एरिया का घर भी दिया जाएगा.
इस प्रोजेक्ट का प्रस्ताव सबसे पहले बीजेपी-शिवसेना सरकार ने साल 1999 में रखा था. साल 2004 में दिवंगत विलासराव देशमुख के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने मुंबई को झुग्गी-झोपड़ी से मुक्त करने के मकसद से स्लम पुनर्विकास प्राधिकरण (SRA) के तहत धारावी रीडेवलपमेंट अथॉरिटी का गठन किया था.
हालांकि साल 2020 के अक्टूबर महीने में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (MVA) सरकार ने इस टेंडर रद्द करते हुए कहा था कि केंद्र सरकार इस प्रोजेक्ट के लिए जरूरी रेलवे जमीन को ट्रांसफर करने में देरी कर रही है.
इसके बाद महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की सरकार सत्ता में आई और केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 18 अक्टूबर 2023 को रेलवे की जमीन सौंपने के लिए हस्ताक्षर कर दिए.
उधर सेकलिंक टेक्नोलॉजीज कॉर्पोरेशन ने कोर्ट का दरवाजा खटखाते हुए कंपनी का आरोप लगाया कि शिंदे सरकार ने धारावी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के लिए 2018 में दिए गए टेंडर को गलत तरीके से रद्द कर दिया है और दूसरे उद्योगपति को फायदा पहुंचाने के लिए नया टेंडर जारी कर दिया.
इस प्रोजेक्ट के लिए साल 2007, 2009, 2011, 2016, 2018 और 2022 में कई बार ग्लोबल टेंडर जारी किए गए. (Slum Area) हालांकि किसी न किसी कारण ये अटकता रहा. अंत में साल, 2022 में 5069 करोड़ की सबसे ज्यादा बोली लगाने वाले देश के एक बड़े उद्योगपति को धारावी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट सौंप दिया गया. तभी से महाराष्ट्र में तमाम विपक्षी पार्टियां प्रोजेक्ट का विरोध कर रही हैं.