Mahashivratri 2024: देवाधिदेव महादेव भगवान शिव और माता पार्वती का स्तुति पर्व महाशिवरात्रि इस वर्ष आठ मार्च को मनाया जाएगा। यह पर्व न केवल भगवान शिव की आराधना का विशेष अवसर है, बल्कि इस दिन गंगा स्नान का भी विशेष महत्व है। महाशिवरात्रि के साथ ही गंगा स्नान पर्व का समापन भी हो जाएगा।
इस वर्ष महाशिवरात्रि पर शिव योग का संयोग बन रहा है, जो इस पर्व के महत्व को और भी बढ़ा रहा है। (Mahashivratri 2024) ज्योतिर्विद आचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी के अनुसार, महाशिवरात्रि सात मार्च की रात 9.50 बजे से शुरू होकर आठ मार्च की शाम 7.42 बजे तक रहेगी। (Mahashivratri 2024) इस दौरान श्रवण नक्षत्र सुबह 8.03 बजे तक रहेगा, जिसके बाद घनिष्ठा नक्षत्र लगेगा।
Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि का महत्व
मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव ने तांडव नृत्य किया था।
इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था।
इस दिन व्रत और पूजा करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
इस दिन गंगा स्नान करने से पापों का नाश होता है।
शिवतत्व का उत्सव मनाने का पर्व
डा. बिपिन विश्व पुरोहित परिषद के अध्यक्ष डा. बिपिन पांडेय के अनुसार महाशिवरात्रि शिव तत्व का उत्सव मनाने का दिन है। शिव तत्व यानी वह सिद्धांत अथवा सत्य जो हमारी आत्मा का प्रतिनिधित्व करता है।
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महाशिवरात्रि का क्या है अर्थ
महाशिवरात्रि की साधना, शरीर, मन और अहंकार के लिए गहन विश्राम का समय है, जो भक्त को परम ज्ञान के प्रति जागृत करता है। रात्रि का अर्थ है- रात या विश्राम करने का समय है। (Mahashivratri 2024) महाशिवरात्रि के समय हम अपनी चेतना में विश्राम करते हैं। महाशिवरात्रि अपनी अंतरात्मा और चेतना के साथ उत्सव मानाने का पर्व है। इस दिन साधना के माध्यम से हम दिव्य चेतना की शरण में चले जाते हैं।
महाशिवरात्रि का पर्व भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। इस दिन भगवान शिव की आराधना करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।