Joe Biden: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने चीन के बढ़ते प्रभाव को लेकर भारत जैसे सहयोगियों के साथ साझेदारी मजबूत करने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि चीन आगे जा रहा है, लेकिन मामला उल्टा है।
उन्होंने कहा कि भारत जैसे देशों के साथ साझेदारी मजबूत करना अमेरिका के लिए महत्वपूर्ण है।
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बाइडन ने कहा, (Joe Biden) “भारत एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार है और हम भारत के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका दोनों देश लोकतंत्र और स्वतंत्रता के मूल्यों को साझा करते हैं।
बाइडन की टिप्पणी चीन के बढ़ते प्रभाव को लेकर अमेरिका की बढ़ती चिंता को दर्शाती है। (Joe Biden) चीन ने हाल के वर्षों में अपनी सैन्य और आर्थिक शक्ति का विस्तार किया है।
अमेरिका का मानना है कि चीन वैश्विक व्यवस्था को बदलने की कोशिश कर रहा है और यह अमेरिका के वैश्विक नेतृत्व के लिए खतरा है।
बाइडन ने कहा कि अमेरिका चीन के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा, “हम चीन के साथ प्रतिस्पर्धा करने से नहीं डरते हैं।”
बाइडन ने कहा कि अमेरिका चीन के साथ सहयोग करने के लिए भी तैयार है, लेकिन केवल जब यह अमेरिका और उसके सहयोगियों के हित में हो।
उन्होंने कहा, “हम चीन के साथ सहयोग करने के लिए तैयार हैं, लेकिन केवल जब यह हमारे हित में हो।”
Joe Biden: हमारा व्यापार घाटा सबसे निचले स्तर पर
बाइडन ने कहा, ‘मेरे सत्ता में आने के बाद से हमारा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) बढ़ा है। पिछले एक दशक में चीन के साथ हमारा व्यापार घाटा सबसे निचले स्तर पर है। मैंने यह सुनिश्चित किया है कि सबसे उन्नत अमेरिकी प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल चीन के हथियारों में न किया जा सके। (Joe Biden) सच कहूं तो, चीन पर सख्त बातचीत के बावजूद मेरे पूर्ववर्ती के मन में ऐसा विचार कभी नहीं आया।’
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘हम चीन या किसी भी अन्य देश के खिलाफ 21वीं सदी की प्रतिस्पर्धा को जीतने के लिए मजबूत स्थिति में हैं।’
अमेरिका में लोकतंत्र खतरे में
राष्ट्रपति जो बाइडन ने गुरुवार को देश के नाम संबोधन (स्टेट ऑफ द यूनियन स्पीच) में डोनाल्ड ट्रंप पर भी तीखा हमला बोला और चेतावनी दी कि अमेरिका में लोकतंत्र खतरे में है। अपने संबोधन की शुरुआत में ही बाइडन ने कहा कि ‘मैं कांग्रेस और अमेरिका के लोगों को खतरे को लेकर अलर्ट करना चाहता हूं।’ उन्होंने कहा कि ‘राष्ट्रपति लिंकन और सिविल वॉर से अब तक देश और दुनिया में लोकतंत्र और आजादी कभी इतने खतरे में नहीं थी, जितनी आज है। लोकतंत्र पर हमले हो रहे हैं।’