JD Vance on Tariff: अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने कहा कि राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने रूस पर दबाव बनाने लिए भारत पर सेकेंडरी टैरिफ लगाया. ताकि रूस-यूक्रेन के बीच चल रही जंग को जल्द से जल्द खत्म किया जा सके. वेंस ने कहा कि अमेरिका के टैरिफ वाले कदम से रूस की तेल अर्थव्यवस्था डगमगा जाएगी.
रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी न्यूज चैनल के साथ एक इंटरव्यू में जे.डी. वेंस ने ये बात कही. (JD Vance on Tariff) उन्होंने कहा कि अमेरिका का यह कदम मास्को के तेल व्यापार से होने वाले राजस्व में कटौती करने में मदद करेगा. आगे कहा,
ट्रंप ने आक्रामक आर्थिक दबाव डाला है. उदाहरण के लिए भारत पर सेकेंडरी टैरिफ. ताकि रूस के लिए अपनी तेल अर्थव्यवस्था के जरिए अमीर बनना कठिन हो जाए.
बताते चलें कि ट्रंप प्रशासन रूस से सस्ते दामों पर कच्चा तेल खरीदने के लिए भारत की कड़ी आलोचना करता रहा है. वाशिंगटन का तर्क है कि भारत की खरीदारी से रूस को लाभ हो रहा है. (JD Vance on Tariff) वह यूक्रेन के खिलाफ अपने सैन्य अभियानों को वित्तपोषित कर रहा है. दिलचस्प बात यह है कि वाशिंगटन रूसी कच्चे तेल के सबसे बड़े आयातक चीन की आलोचना नहीं कर रहा है.
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JD Vance on Tariff: इंटरव्यू के दौरान जब उनसे पूछा गया,
सवाल यह है कि अगर अमेरिका नए प्रतिबंध नहीं लगा रहा है, तो रूस पर क्या दबाव है? आप उन्हें जेलेंस्की के साथ बातचीत की मेज पर कैसे लाएंगे और बम गिराना कैसे बंद करवाएंगे?
इस पर वेंस ने जवाब दिया कि ट्रंप ने आक्रामक आर्थिक दबाव डाला था. जिससे रूस पर बातचीत करने का दबाव बन सके. वेंस ने कहा,
उन्होंने (ट्रंप ने) यह स्पष्ट करने की कोशिश की कि अगर रूस हत्याएं बंद कर दे तो उसे विश्व अर्थव्यवस्था में फिर से शामिल किया जा सकता है. लेकिन अगर वे हत्याएं नहीं रोकेंगे तो वे अलग-थलग ही रहेंगे.
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विदेश मंत्री जयशंकर ने किया पलटवार
शनिवार, 23 अगस्त को विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने टैरिफ को लेकर अमेरिका और यूरोप पर कटाक्ष किया था. उन्होंने कहा,
यह वाकई अजीब बात है. अगर आपको भारत से तेल या रिफाइंड उत्पाद खरीदने में कोई समस्या है, तो उसे न खरीदें. कोई आपको इसे खरीदने के लिए मजबूर नहीं करता. (JD Vance on Tariff) लेकिन यूरोप खरीदता है, अमेरिका खरीदता है, इसलिए अगर आपको यह पसंद नहीं है, तो इसे न खरीदें.
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जब से ट्रंप ने भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ को दोगुना करके 50 प्रतिशत कर दिया है. तब से नई दिल्ली और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंध खराब हो गए हैं. (JD Vance on Tariff) बताते चलें कि फरवरी 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण के बाद पश्चिमी देशों द्वारा रूसी तेल से मुंह मोड़ लेने के बाद, भारत ने छूट पर बेचे जाने वाले रूसी तेल को खरीदना शुरू कर दिया था.