Japan nuclear weapons: एशिया की भू-राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। चीन के परमाणु विशेषज्ञों के एक ऐसा दावा किया है जिसने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी तरफ खिंच लिया है। विशेषज्ञों ने कहा है कि जापान अगले 3 सालों के अंदर परमाणु हथियार बनाने में सक्षम हो सकता है। यह दावा ऐसे वक़्त में सामने आया है, जब ताइवान को लेकर चीन और जापान के बीच तनाव तेज़ी से बढ़ते जा रहे है और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शक्ति संतुलन एक बार फिर चर्चा के केंद्र में है।
Japan nuclear weapons: चीन का दावा और जापान की क्षमता
चीनी विशेषज्ञों के अनुदार, जापान के पास न केवल परमाणु हथियार बनाने की उन्नत तकनीक है, बल्कि पर्याप्त मात्रा में प्लूटोनियम भी मौजूद है। (Japan nuclear weapons) जापान लंबे वक़्त से ‘न्यूक्लियर लेटेंसी’ की स्थिति में माना जाता है, यानी उसके पास फिलहाल परमाणु हथियार मौजूद नहीं हैं, लेकिन वह बहुत ही कम वक़्त में इन्हें विकसित करने की क्षमता रखता है।
जापान परमाणु ऊर्जा आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, देश के पास कुल 44.4 टन अलग किया गया प्लूटोनियम है। इसमें से लगभग 8.6 टन जापान में और बाकी ब्रिटेन व फ्रांस में संग्रहित है। विशेषज्ञों का स्पष्ट कहना है कि एक परमाणु बम बनाने के लिए तकरीबन 8 किलोग्राम प्लूटोनियम ही काफी होता है। (Japan nuclear weapons) हालांकि यह प्लूटोनियम सीधे हथियार-स्तर का नहीं है, लेकिन जापान के पास इसे शुद्ध करने की अत्याधुनिक तकनीक मौजूद है।
जापान का आधिकारिक रुख
इन अटकलों के बीच जापान सरकार ने अपनी पुरानी नीति दोहराई है। 18 दिसंबर 2025 को जापान के मुख्य कैबिनेट सचिव मिनोरू किहारा ने यह साफ किया कि देश की नीति में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है और जापान परमाणु हथियार नहीं रखेगा। इसके बावजूद, जापान के अंदर सुरक्षा को लेकर बहस बेहद तीव्र हो गई है। (Japan nuclear weapons) जापानी मीडिया में यह चर्चा सामने आई है कि क्षेत्रीय हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं और देश को अपनी रक्षा नीति पर दोबारा से विचार करना चाहिए।
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एशिया में बढ़ता तनाव बना गंभीर चर्चा का विषय
चीन, उत्तर कोरिया और रूस की सैन्य गतिविधियों ने जापान की चिंताओं को और अधिक बढ़ा दिया है। (Japan nuclear weapons) ताइवान संकट, उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण और चीन की आक्रामक समुद्री रणनीति के कारण जापान पर अपनी सुरक्षा क्षमताएं बढ़ाने का दबाव बढ़ रहा है। यही कारण है कि चीन को संदेह है कि जापान भविष्य में अपनी नीति में बड़ा बदवाल कर सकता है।
इससे भारत को क्या होगा फायदा?
यदि जापान परमाणु क्षमता की दिशा में आगे बढ़ता है, तो भारत को इसका बड़ा परमाणु लाभ तो नहीं मिल सकेगा, लेकिन रणनीतिक और कूटनीतिक स्तर पर कई महत्वपूर्ण फायदे हो सकते हैं।
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रक्षा और तकनीकी सहयोग के नए मौके:
जापान की उन्नत तकनीक भारत के लिए रक्षा निर्माण, साइबर सुरक्षा, मिसाइल तकनीक और अंतरिक्ष सहयोग जैसे क्षेत्रों में नए मौके खोल सकता है।
फिलहाल जापान के परमाणु हथियार बनने को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि तो नहीं हुई है, लेकिन चीन के दावे ने एशिया की राजनीति में नई बहस छेड़ को जन्म दे दिया है। (Japan nuclear weapons) यदि भविष्य में जापान अपनी नीति में कोई भी बदलाव करता है, तो इसका प्रभाव केवल चीन पर ही नहीं, बल्कि पूरे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र और भारत की रणनीतिक स्थिति पर भी बहुत ही गहराई से पड़ेगा।
