Israel Attack on Iran: ईरान और इज़राइल के बीच चल रहा सैन्य टकराव और भी भयावह हो गया, जब दोनों देशों ने एक-दूसरे पर मिसाइलों और ड्रोन से जबरदस्त हमले किए। पहली बार इस युद्ध में क्लस्टर म्यूनिशन जैसे प्रतिबंधित हथियारों का इस्तेमाल सामने आया है, जिससे यह टकराव एक खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है।

इज़राइली सेना ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर बमबारी की, तो जवाब में ईरान ने क्लस्टर बमों से लैस मिसाइलें दागीं। इन हमलों में दक्षिणी इज़राइल का एक अस्पताल भी प्रभावित हुआ, जिससे इलाके में अफरा-तफरी फैल गई। (Israel Attack on Iran) स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि हमले में 71 लोग घायल हुए, जिनमें ज्यादातर को मामूली चोटें या सदमे के कारण इलाज की जरूरत पड़ी।
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Israel Attack on Iran: नेतन्याहू ने दी चेतावनी
इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान की कार्रवाई की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा, “ईरान ने हमारे अस्पताल को निशाना बनाकर युद्ध की एक नई रेखा पार कर दी है, और इसके लिए उसे भारी कीमत चुकानी होगी। (Israel Attack on Iran) ” साथ ही उन्होंने यह दावा भी किया कि इज़राइल अपने सैन्य अभियान में ईरान पर रणनीतिक बढ़त बनाए हुए है।
क्या होता है क्लस्टर बम?
क्लस्टर बम एक प्रकार का विस्फोटक हथियार होता है, जिसमें एक बड़े बम के अंदर सैकड़ों छोटे-छोटे विस्फोटक जिन्हें बॉमलेट्स (bomblets) कहा जाता है भरे होते हैं। यह बम जब अपने लक्ष्य के ऊपर पहुंचता है, तो हवा में ही खुलकर ये छोटे बम एक बड़े इलाके में बिखर जाते हैं और या तो तुरंत या समय के साथ फटते हैं।
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इनका लक्ष्य होता है अधिकतम सैन्य नुकसान पहुंचाना जैसे सैनिकों की टुकड़ी, बख्तरबंद वाहन या आधार शिविर। एक क्लस्टर बम का असर कई फुटबॉल मैदानों जितने बड़े क्षेत्र में महसूस किया जा सकता है। (Israel Attack on Iran) बड़ी चिंता यह है कि कई बॉमलेट्स फटते नहीं हैं और वर्षों तक ज़मीन में छिपे रहते हैं, जिससे वे आम नागरिकों के लिए मिनी लैंडमाइन बन जाते हैं।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध और वर्तमान स्थिति
100 से अधिक देशों ने क्लस्टर हथियारों पर प्रतिबंध लगाने वाली अंतरराष्ट्रीय संधि (Convention on Cluster Munitions) पर हस्ताक्षर किए हैं। लेकिन अमेरिका, रूस, चीन, इज़राइल, भारत और पाकिस्तान जैसे कई देश इस संधि से बाहर हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस युद्ध में क्लस्टर हथियारों का उपयोग आने वाले दिनों में और भी व्यापक हो सकता है, जिससे मानवीय संकट गहरा सकता है। (Israel Attack on Iran) फिलहाल क्षेत्र में तनाव चरम पर है, और अंतरराष्ट्रीय समुदाय युद्धविराम की अपील कर रहा है।
अस्पताल पर हमले के बाद भय का माहौल
ईरान द्वारा दागी गई मिसाइलों में से एक दक्षिणी इज़राइल के एक चिकित्सा केंद्र पर गिरी, जिससे अस्पताल में भगदड़ मच गई। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, घायल लोगों में अधिकतर को हल्की चोटें या मानसिक आघात हुआ है, क्योंकि वे हमले के दौरान सुरक्षित स्थानों की तलाश में इधर-उधर भाग रहे थे। स्थिति अब भी तनावपूर्ण बनी हुई है, और दोनों देशों के बीच खुला युद्ध और गहराने की आशंका बनी हुई है।