Gautam Gambhir: भारतीय टीम का हेड कोच बनने के बाद गौतम गंभीर ने ऐसा बयान दिया, जिससे बॉलीवुड की सुपरस्टार फिल्म चक-दे इंडिया की यादें ताजा हो जाएंगी। गौतम गंभीर ने कहा कि खिलाड़ी को सबसे पहले अपनी टीम के लिए खेलना चाहिए क्योंकि क्रिकेट एक टीम गेम है।
आपको याद होगा कि बॉलीवुड फिल्म चक-दे इंडिया में किस तरह कोच कबीर खान (शाहरुख खान) अपनी टीम से कहते हैं कि सबसे पहले आपको अपने मुल्क के लिए खेलना है। (Gautam Gambhir) फिर आपको अपनी टीम के लिए खेलना है और अगर फिर भी जान बच जाए तो अपने लिए खेलना है। गौतम गंभीर ने क्रिकेट को व्यक्तिगत खेल से ऊपर टीम गेम करार देकर फिल्म की कुछ ऐसी ही यादें ताजा की हैं।
Gautam Gambhir: गौतम गंभीर ने क्या कहा
गौतम गंभीर ने स्टार स्पोर्ट्स से बातचीत में कहा, ”सिर्फ एक ही संदेश है कि कोशिश करें और ईमानदारी से खेलें। अपने पेशे के लिए ईमानदार रहे। निश्चित ही नतीजे आपका पीछा करेंगे। जब मैं बल्ला उठाता तो कभी नतीजे के बारे में नहीं सोचता था। मैंने कभी नहीं सोचा कि इतने रन बनाऊंगा। मेरा हमेशा से मानना रहा कि मुझे ईमानदार रहना है और अपने पेशे के साथ न्याय करना है।”
गंभीर ने साथ ही कहा, ”कई सिद्धांत और उसूल पर जीना है। (Gautam Gambhir) सही चीजें करने की कोशिश करनी है। भले ही पूरी दुनिया आपके खिलाफ हो, लेकिन आपको सही करने की कोशिश करना है। मगर आपके दिल को विश्वास होना चाहिए कि आप टीम हित में सही चीज कर रहे हैं। भले ही मैं क्रिकेट के मैदान पर आक्रामक रहा, फिर चाहे मेरे मैदान में लोगों से विवाद हुए हो। यह सब टीम हित में हुआ।
- Advertisement -
गंभीर ने कहा, ”ऐसा करने की कोशिश करें क्योंकि टीम ही है, जो मायने रखती है, व्यक्तिगत प्रदर्शन नहीं। तो मैदान में जाकर केवल एक बात सोचे कि अपनी टीम को जीत दिलाने की कोशिश करें। आप किसी भी टीम के लिए खेलें, बस उसे जिताने के बारे में सोचे। यह व्यक्तिगत खेल नहीं, जहां आप अपने बारे में सोचे। यहां टीम पहले आती है। आप संभवत: पूरी टीम मे सबसे आखिर में आते हैं।”
सभी प्रारूप खेलें
आधुनिक युग में कई खिलाड़ी अपनी क्षमता के मुताबिक प्रारूप का चयन कर रहे हैं। गंभीर ने इस पर बात करते हुए कहा, ”मेरा एक चीज में बहुत मानना है कि अगर आप अच्छे हैं तो सभी प्रारूप खेलना चाहिए। मैं कभी चोट प्रबंधन में नहीं मानता। आप चोटिल हो तो ठीक होने जाइए। यह बहुत आसान है। (Gautam Gambhir) जब आप अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहे हैं और अच्छे हैं तो सभी शीर्ष खिलाड़ियों से जानेंगे कि तीनों प्रारूप खेलना चाहते हैं।”
भारतीय हेड कोच ने कहा, ”वो सिर्फ एक या दो प्रारूप के बनकर नहीं रहना चाहते। चोट तो खिलाड़ी के जीवन का हिस्सा है। अगर आप तीनों प्रारूप खेल रहे हैं तो चोटिल होंगे। आप ठीक होकर वापस आएं, लेकिन तीनों प्रारूप खेलें। अगर आप बहुत अच्छे हैं तो आगे बढ़े और तीनों प्रारूप के मुकाबले खेलें।”