Delhi Fire: पापा हमें बचा लो, दम घुट रहा है…। यह वह आखिरी बोल थे जो हाजी सालिम कुरैशी के मोबाइल पर उनकी बेटी गुलआशना ने कॉल करके कहे थे। मंगलवार को घर में आग लगने के बाद दोनों बहनों गुलआशना (15) और अनाया (13) ने खुद को अपने कमरे के बाथरूम में बंद कर लिया था। धुएं के कारण दम घुटने से दोनों की मौत हो गई थी।
एक परिजन ने बताया कि घर में जिस समय आग लगी थी, उस समय दोनों बहनें अपने कमरे में सो रही थी। आग लगने के बाद वह बाथरूम में बंद हो गई। उनको लगा होगा कि शायद बाथरूम के अंदर धुआं नहीं पहुंचेगा। (Delhi Fire) बाद में जब दम घुटने लगा तो बच्चों ने लखनऊ में मौजूद हाजी सालिम को कॉल की।
इसके अलावा दोनों बहनों ने अपनी अम्मी गुलिस्तां को भी कॉल किया। जिस समय आग लगी उस समय हाजी सालिम के भाई और मुरादाबाद से विधायक हाजी मोहम्मद नासिर करोल बाग में किसी काम से आए हुए थे। (Delhi Fire) खबर मिलने के बाद वह भी तुरंत कुरैश नगर भाई के मकान पर पहुंच गए। रेस्क्यू का काम उनके सामने ही हुआ।
परिजनों के दबाव देने पर सदर बाजार थाना प्रभारी एसीपी हीरालाल ने सब्जी मंडी मोर्चरी में दोनों बहनों के शवों का पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों के हवाले कर दिए। परिजनों का पहले कार्यक्रम था कि मंगलवार देर रात को ही दोनों बहनों को सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा, लेकिन दूर से आने वाले रिश्तेदारों की वजह से बुधवार सुबह 10 बजे मस्जिद तकिया कब्रिस्तान, ईदगाह में उनको नम आंखों से दफनाया गया। इस दौरान हजारों लोग मौजूद थे।
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Delhi Fire: रातभर लगा रहा लोगों का तांता
दिल्ली के सदर बाजार स्थित कुरैश नगर (कसाबपुरा) में मंगलवार रात को शायद ही कोई सोया हुआ। (Delhi Fire) पूरी रात भर हजारों लोगों की भीड़ हाजी सालिम कुरैशी उर्फ शब्बू के घर के बाहर जुटी रही। दिल्ली के अलावा दूरदराज के लोग भी बुधवार सुबह तक वहां आते रहे। मंगलवार रात को करीब 9.30 बजे हाजी सालिम लखनऊ से दिल्ली पहुंच गए। हादसे के बाद से उनका रो-रोकर बुरा हाल था। परिजन और रिश्तेदार उनको सांत्वना देने का प्रयास कर रहे थे।
घर में पीछे की ओर नहीं था कोई वेंटिलेशन
चमेलियान रोड, कुरैश नगर के जिस मकान में आग लगी थी उसको पुलिस ने मंगलवार को ही सील कर दिया था। बुधवार को पुलिस के अलावा एफएसएल की टीम मौके पर पहुंची। एफएसएल की टीम ने मौके से साक्ष्य जुटाए। आग लगने की सही वजहों का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है।
बंगले की छत पर आग के समय इस्तेमाल के लिए बनाए हुए थे दो टैंक, पर न आए काम
बंगले में आग से बचाव के लिए छत पर दो टैंक बनाए गए थे। (Delhi Fire) इसके अलावा घर में कई जगहों पर अग्निशमन यंत्र भी मौजूद थे। हादसे के समय न तो पानी के टैंक काम आए और न ही अग्निशमन यंत्र। सूत्रों का यह भी कहना है कि घर के हर कोने में सेंट्रलाइज्ड एसी के लिए डक्ट लगी थी। इस वजह से पूरे घर को पैक किया हुआ था।
कुछ पड़ोसियों ने दावा किया कि हादसे के समय घर में एक छोटा सा धमाका भी हुआ था। उसके बाद पूरे घर में धमाका हुआ। हाजी सालिम के साले ने बताया कि आग लगने के बाद वह घर पहुंच गए। उन्होंने अंदर दाखिल होने की कोशिश की, लेकिन कई बार की कोशिश के बाद भी वह अंदर दाखिल नहीं हो पाए।