
China Russia Taiwan war plan: क्या दुनिया एक और बड़े युद्ध की कगार पर खड़ी है? यह सवाल उठा है क्योंकि ब्रिटेन के सबसे प्रतिष्ठित रक्षा थिंक टैंक रॉयल यूनाइटेड सर्विसेज (RUSI) ने एक सनसनीखेज दावा किया है। ब्रिटिश थिंक टैंक ने 800 पन्नों के लीक हुए खुफिया दस्तावेजों के हवाले से खुलासा किया है कि रूस और चीन एक गुप्त सैन्य समझौते के तहत मिलकर काम कर रहे हैं। इस समझौते का सीधा और सबसे बड़ा लक्ष्य ताइवान है।
रिपोर्ट के अनुसार, रूस चुपके से चीन को ऐसे टैंक, हथियार और अत्याधुनिक तकनीक मुहैया करा रहा है, जिनका इस्तेमाल ताइवान पर अचानक ‘एयरबोर्न अटैक’ करने के लिए किया जा सकता है। (China Russia Taiwan war plan) यह खबर दुनिया के लिए एक ‘वेक-अप कॉल’ है, क्योंकि यह न सिर्फ इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के संतुलन को बिगाड़ सकती है, बल्कि वैश्विक व्यापार और अर्थव्यवस्था को भी गहरी खाई में धकेल सकती है।
China Russia Taiwan war plan: शी जिनपिंग का ‘सीधा आदेश’: 2027 तक तैयारी
लीक हुए इन दस्तावेजों से सबसे बड़ा खुलासा यह हुआ है कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपनी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) को 2027 तक ताइवान पर हमला करने के लिए पूरी तरह से तैयार रहने का सीधा आदेश दिया है।
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RUSI की रिपोर्ट बताती है कि इस महत्वाकांक्षी सैन्य योजना को सफल बनाने के लिए रूस और चीन के बीच 2023 में एक समझौता हुआ था। (China Russia Taiwan war plan) इस समझौते के तहत, पीएलए के पैराट्रूपर्स (हवाई सैनिक) को रूस में अत्याधुनिक सिमुलेटर और ट्रेनिंग उपकरणों के जरिये से प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस ट्रेनिंग के बाद, चीन में दोनों देशों की सेनाएं एक साथ अभ्यास करेंगी। इस संयुक्त प्रशिक्षण में रूसी सेना चीनी सैनिकों को लैंडिंग, फायर कंट्रोल और मूवमेंट की खास ट्रेनिंग देगी।
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रूस ने दिए पानी में चलने वाले ‘एम्फीबियन टैंक’
रूस, चीन को जो सैन्य उपकरण मुहैया करा रहा है, वे ताइवान के समुद्री और तटीय इलाकों में तेजी से हमला करने के लिए खास तौर पर डिजाइन किए गए हैं। (China Russia Taiwan war plan) रूस ने चीन को जो मुख्य हथियार दिए हैं, उनमें शामिल हैं:
37 BMD-4M लाइट टैंक: ये हल्के टैंक 100 मिमी तोप और 30 मिमी ऑटोमैटिक गन से लैस हैं, जो तेजी से आगे बढ़ने की क्षमता रखते हैं।
11 स्प्रूट-एसडीएम1 एंटी टैंक गन: इन तोपों की सबसे बड़ी खूबी यह है कि ये पानी में भी चल सकती हैं।
11 बीटीआर-एमडीएम ‘रकुश्का’ एयरबोर्न आर्मर्ड पर्सनल कैरियर: ये बख्तरबंद गाड़ियां सैनिकों को तेजी से युद्ध क्षेत्र में पहुंचाने में मदद करेंगी।
इन सभी रूसी गाड़ियों में चीन की अपनी कम्युनिकेशन और कंट्रोल टेक्नोलॉजी लगाई जाएगी, ताकि चीन की सेना आसानी से इन्हें संचालित कर सके।
एयरपोर्ट और बंदरगाहों पर कब्जे की रणनीति
RUSI की रिपोर्ट में चीन की हमले की रणनीति का भी जिक्र है। इसमें कहा गया है कि चीन की योजना पैराट्रूपर्स और एयरबोर्न टैंक को सीधे ताइवान के एयरपोर्ट और पोर्ट के पास उतारने की है। (China Russia Taiwan war plan) अगर चीन इन प्रमुख ठिकानों पर तेजी से कब्जा कर लेता है, तो वह मुख्य सेना के लिए देश में प्रवेश करने का रास्ता साफ कर देगा। यह एक ऐसी रणनीति है जो युद्ध को तेजी से खत्म करने पर केंद्रित है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि चीन ने साउथ चाइना सी के वूडी आइलैंड पर दो एच-6 बमवर्षक तैनात किए हैं, जो परमाणु हथियार ले जाने की क्षमता रखते हैं। यह तैनाती साफ तौर पर क्षेत्र में तनाव बढ़ा रही है।
अमेरिका ने दी दुनिया को चेतावनी: यह ‘असली युद्ध’ की तैयारी
इस खुलासे के बाद अमेरिका भी हरकत में आ गया है। (China Russia Taiwan war plan) अमेरिका के डिफेंस सेक्रेटरी पीट हेगसेथ ने चेतावनी दी है कि चीन जो कर रहा है, वह सिर्फ हमले का अभ्यास नहीं, बल्कि असली युद्ध की तैयारी है। उन्होंने इसे दुनिया के लिए एक ‘वेक-अप कॉल’ बताया।
सिंगापुर में हुए शांगरी-ला डायलॉग में हेगसेथ ने चीन पर साइबर अटैक करने, पड़ोसी देशों को डराने और साउथ चाइना सी में जमीन हड़पने जैसे गंभीर आरोप लगाए। (China Russia Taiwan war plan) उनका मानना है कि चीन हिंद-प्रशांत (इंडो-पैसिफिक) में शक्ति संतुलन बिगाड़ने के लिए सैन्य ताकत का इस्तेमाल कर सकता है।
चीन अपनी सैन्य रणनीति को तीन स्तरों पर तैयार कर रहा है: एयरबोर्न, समुद्री और साइबर हमला। रूस इस तैयारी के लिए यूक्रेन पर हमले से मिले अनुभव को चीन के साथ साझा कर रहा है।
साउथ चाइना सी, जहां से 60% से अधिक समुद्री व्यापार गुजरता है, वहां चीन का तनाव बढ़ाना वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए सबसे बड़ा खतरा है। (China Russia Taiwan war plan) चीन ने हाल ही में विवादित स्कारबोरो शोएल के पास ‘कॉम्बैट रेडीनेस पेट्रोल’ शुरू किया है, जिससे फिलीपींस के साथ तनाव चरम पर पहुंच गया है। अगर यहां युद्ध छिड़ता है, तो इसका असर तेल की कीमतों से लेकर आपूर्ति शृंखला तक हर चीज पर पड़ेगा।