Chah Bahar Deal: चाबहार बंदरगाह से जुड़े भारत-ईरान के 10 साल के करार के बाद पाकिस्तान के अकैडमीशियन डॉ कमर चीमा ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा कि भारत के हित अब बहुत बड़े हो चुके हैं. (Chah Bahar Deal) यही वजह है कि अमेरिका उसके जरिए चीन के कारोबार को तबाह करना चाहता है. यूएस इसी वजह से इंडिया में ड्रैगन को मैनेज करने का माद्दा देखता है.
Chah Bahar Deal
यूट्यूब पर गुरुवार (16 मई, 2024) को अपलोड किए ताजा वीडियो में डॉ कमर चीमा ने बताया, “भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर को लग रहा था कि अगर नरेंद्र मोदी के फिर से पीएम बनने के बाद यह करार होगा तब उनके ऊपर दबाव बढ़ सकता है. ऐसे में उन लोगों ने इसे चुनावी माहौल के बीच किया.”
पाकिस्तानी अकैडमीशियन ने आगे दावा कि भारत ने इस करार के जरिए अमेरिका को पैगाम देने की कोशिश की है. इंडिया इस कदम के जरिए एनर्जी रिजर्व्स (तेल और गैस आदि से जुड़े हुए) को पूरा करना चाहता है. (Chah Bahar Deal) यूएस के पास स्ट्रैटेजिक ऑइल रिजर्व हैं पर भारत के पास न होने से कारोबार प्रभावित (लाल सागर आदि में) होता है.
डॉ.कमर चीमा विश्लेषण करते हुए वीडियो में यह भी बोले, “इंडिया सिर्फ चाबहार बंदरगाह (ईरान में) पर काम नहीं कर रहा है. ओमान के साथ भी उसके अच्छे रिश्ते हैं. भारत चाहता है कि ओमान के पोर्ट्स पर भी उसका प्रभुत्व बढ़े और वह वहां जाकर काम करे.”
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चाबहार बंदरगाह की अहमियत बताते हुए पाकिस्तान के कमर चीमा ने कहा, “पाकिस्तान और भारत के संबंध इतने खराब हैं इसलिए पाक तो रास्ता देता नहीं है. (Chah Bahar Deal) ऐसे में तकनीकी तौर पर अमेरिका चाहेगा कि भारत और पाकिस्तान इस सिलसिले में बात करें और पाकिस्तान का रास्ता यूज किया जाए. हालांकि, भारत समझता है कि पाकिस्तान से बात करना खतरा है.”
सोशल मीडिया पर खासा एक्टिव रहने वाले कमर चीमा के मुताबिक, “पाकिस्तान के अमेरिका एक तरफ कह रहा है कि दुनिया के हर देश (कारोबार के संदर्भ में) का विकल्प हम भारत को बना देंगे और चीन की स्थिति खराब हो जाएगी. आप फॉर्मासूटिकल सेक्टर से लेकर मैन्यूफैक्चरिंग और टेक्निकल इंडस्ट्री का हाल देख लीजिए…अमेरिका के लोग चाहते हैं कि वे भारत की ओर चीजों को शिफ्ट (चीन की अर्थव्यवस्था को इससे तगड़ा फटका लगेगा) कर दें.”
डॉ कमर चीमा ने यह दावा भी किया कि इंडिया के हित अब बहुत बड़े हो चुके हैं. अब उसके वे इंट्रेस्ट नहीं हैं, जो पहले हुआ करते थे. अगर इंडिया पूरे हिंद महासागर में पेट्रोलिंग कर रहा है और एस जयशंकर सिंगापुर में बैठकर कहते हैं अगर वहां के लोगों के घर पर एमेजन का ऑर्डर आ रहा है तो वह भारत की वजह से आ रहा है. (Chah Bahar Deal) हम शिपिंग लेन्स की सुरक्षा कर रहे हैं इसलिए वे आ रहे हैं. थाईलैंड, इंडोनेशिया और मलेशिया को भी वह यही बात बता रहे हैं.
पाकिस्तान के अकैडमीशियन ने वीडियो में यह भी कहा, “अगर भारत फैसले ले सकता है तब हमारे देश को भी सस्ते गैस और तेल का इंतजाम करना चाहिए. अमेरिका के साथ इसमें बात करने की जरूरत है. हमें लड़ने की जरूरत नहीं है. न हम लड़ सकते हैं और न ही हम उस लायक हैं. (Chah Bahar Deal) जिस तरह भारत वाले बात कर रहे हैं, उसी तरह हमें भी यूएस के साथ बात करनी चाहिए. हम यूएस पर जितना निर्भर हैं, उतना भारत उस पर निर्भर नहीं है.”
कमर चीमा के अनुसार, अमेरिका के लिए चीन बेहद अहम है. वह चीन को मैनेज करना चाहते हैं. उन्हें लगता है कि यह काम सिर्फ और सिर्फ भारत कर सकता है. हालांकि, भारतीय बड़े स्मार्ट हैं. वे यूएस के लिए चीन को मैनेज नहीं करेंगे. वे खुद के चाइना को मैनेज करेंगे. हालांकि, यूएस को लगता है कि वह भारत को इस बाबत मना सकता है.