
Bangladesh Plane Crash: बांग्लादेश की राजधानी ढाका में पिछले हफ्ते हुए दर्दनाक विमान हादसे के बाद, अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने भारत, चीन और सिंगापुर से आए विदेशी चिकित्सा दलों का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने इन दलों की सहायता को लेकर गहरी कृतज्ञता जताई, जिन्होंने संवेदनशीलता और समर्पण के साथ घायल लोगों का इलाज किया। (Bangladesh Plane Crash) 21 जुलाई, 2025 को ढाका के माइलस्टोन स्कूल और कॉलेज की इमारत से एक चीन निर्मित F-7 BGI ट्रेनर फाइटर जेट टकरा गया। यह विमान हादसा उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद हुआ था, और इस भीषण दुर्घटना में 32 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 26 मासूम बच्चे शामिल थे।
Bangladesh Plane Crash: भारत, चीन और सिंगापुर से चिकित्सा दलों की तात्कालिक प्रतिक्रिया
हादसे के बाद तुरंत ही तीनों देशों से विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीमें ढाका भेजी गईं। इनमें से भारत का चिकित्सा दल सबसे पहले बुधवार को पहुंचा और घायलों के इलाज में सक्रिय भूमिका निभाई। (Bangladesh Plane Crash) भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे के बाद बांग्लादेश को हर संभव मदद देने की पेशकश की थी और इस दुखद घटना पर गहरी संवेदना व्यक्त की थी। (Bangladesh Plane Crash) सिंगापुर और चीन से आए चिकित्सा दल भी घटनास्थल पर सक्रिय रूप से काम कर रहे थे। इन दलों के प्रयासों से ढाका के अस्पतालों में घायलों को तुरंत इलाज मिलने में मदद मिली, जिससे कई लोगों की जान बचाई जा सकी।
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सम्मान समारोह में डॉक्टरों का आभार
रविवार को बांग्लादेश के प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस ने ढाका के स्टेट गेस्ट हाउस ‘जमुना’ में तीनों देशों के चिकित्सा दलों से मुलाकात की। (Bangladesh Plane Crash) इस दौरान उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X (पूर्व में ट्विटर) पर डॉक्टरों के साथ तस्वीरें साझा की और उनकी कड़ी मेहनत और योगदान की सराहना की।
यूनुस ने कहा, “इन दलों की मदद केवल तकनीकी नहीं थी, बल्कि यह हमारी साझा मानवता और वैश्विक सहयोग का प्रतीक है। यह हम सभी के लिए एक संदेश है कि जब कोई संकट आता है, तो हम सभी एक साथ मिलकर काम कर सकते हैं।” उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि बांग्लादेश और अन्य देशों के बीच चिकित्सा शिक्षा, रिसर्च और वर्चुअल हेल्थ नेटवर्किंग को और बढ़ाया जाए ताकि भविष्य में ऐसी आपातकालीन स्थितियों में और बेहतर सहयोग किया जा सके।
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आगे के सहयोग की संभावनाएं
यूनुस ने कहा कि यह वैश्विक सहयोग न केवल वर्तमान संकट के समय में बल्कि भविष्य में भी अहम हो सकता है। उन्होंने बांग्लादेश और भागीदार देशों के बीच चिकित्सा क्षेत्र में स्थायी सहयोग की उम्मीद जताई, ताकि आगामी समय में स्वास्थ्य आपातकालीन स्थितियों में जल्दी और प्रभावी प्रतिक्रिया दी जा सके। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि संकट के समय वैश्विक सहयोग और आपसी समर्थन से बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान किया जा सकता है।