US-China Trade Agreement: हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन से आने वाले सामान पर 100% टैरिफ लगाने का ऐलान किया था, जिसे 1 नवंबर 2025 से लागू करने की तैयारी थी। इस फैसले के बाद चीन ने भी जवाबी कदम उठाए, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार तनाव काफी बढ़ गया था। लेकिन अब हालात बदलते नजर आ रहे हैं। खबर है कि साउथ कोरिया में ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात से पहले ही दोनों देशों के बीच समझौते की दिशा में प्रगति हुई है।
अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट और व्यापार प्रतिनिधि जेमीसन ग्रीर ने हाल ही में चीन के उप-प्रधानमंत्री हे लिफेंग और मुख्य वार्ताकार ली चेंगगांग से बातचीत की। (US-China Trade Agreement) यह मई के बाद से दोनों देशों के बीच हुई पांचवीं सीधी वार्ता थी। बैठक के बाद स्कॉट बेसेंट ने कहा कि, “हमें लगता है कि हमारे नेताओं के पास इस हफ्ते एक सफल व्यापार ढांचा तय करने का मौका है।” उन्होंने बताया कि दो दिन की चर्चाओं के बाद चीन समझौते के लिए सकारात्मक संकेत दे रहा है। इस बीच, यह सहमति ऐसे समय आई है जब ट्रंप ने चीन के रेयर अर्थ मिनरल्स पर लगाए गए प्रतिबंधों को लेकर 100% टैरिफ लागू करने की चेतावनी दी थी। अब माना जा रहा है कि इस नए समझौते के बाद अमेरिका फिलहाल यह टैरिफ लगाने का फैसला टाल सकता है।
US-China Trade Agreement: बड़े मुद्दों पर बातचीत की तैयारी
अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट का कहना है कि नया तैयार किया गया व्यापार फ्रेमवर्क 100% टैरिफ के खतरे को टालने में मदद कर सकता है। (US-China Trade Agreement) साथ ही यह चीन की ओर से लगाए जाने वाले संभावित निर्यात प्रतिबंधों को रोकने में भी सहायक हो सकता है। चीन की तरफ से मुख्य वार्ताकार ली चेंगगांग ने भी पुष्टि की है कि दोनों देशों के बीच शुरुआती सहमति बन चुकी है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि बातचीत भले ही सकारात्मक रही हो, लेकिन अमेरिका का रवैया अब भी कड़ा है।
- Advertisement -
Also Read –Uttarakhand News: मुख्यमंत्री ने ₹185.20 करोड़ की शारदा कॉरिडोर परियोजना का प्रथम चरण शुरू किया
ट्रंप-जिनपिंग की मुलाकात में उठेंगे अहम मुद्दे
वित्त मंत्री बेसेंट के अनुसार, जल्द होने वाली डोनाल्ड ट्रंप और शी जिनपिंग की बैठक में कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होगी। इनमें रूस से तेल खरीद, अमेरिकी किसानों से आयात, व्यापार असंतुलन, और फेंटेनाइल संकट जैसे विषय शामिल हैं। ये वही मुद्दे हैं जिनकी वजह से अमेरिका ने पहले चीन पर टैरिफ बढ़ाने का निर्णय लिया था। (US-China Trade Agreement) यह बैठक दोनों देशों के बीच बढ़ते व्यापार तनाव को कम करने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है, जिसने हाल के महीनों में वैश्विक बाजारों में अस्थिरता पैदा कर दी थी।
लंबे तनाव के बाद राहत की उम्मीद
वॉशिंगटन ने आधिकारिक तौर पर ट्रंप-जिनपिंग मुलाकात की पुष्टि कर दी है। ट्रंप ने बताया कि दोनों नेताओं के बीच पहली बैठक साउथ कोरिया में होगी, जबकि आगे की मुलाकातें चीन और अमेरिका में हो सकती हैं, जिनमें से एक मार-ए-लागो या वाशिंगटन डी.सी. में होने की संभावना है। (US-China Trade Agreement) यह नई पहल अमेरिका और चीन के रिश्तों में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है, क्योंकि दोनों पक्ष अब महीनों से चले आ रहे व्यापारिक टकराव को खत्म कर आर्थिक रिश्तों को स्थिर करने की इच्छा जता रहे हैं।
