Uri Attack: 18 सितंबर 2016 को जम्मू-कश्मीर के उरी में हुए आतंकी हमले को लेकर अमेरिका ने पाकिस्तान के सामने पक्के सबूत पेश किए थे। इन सबूतों से पता चला था कि इस हमले की साजिश पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने रची थी। Uri Attack) इस खुलासे से पाकिस्तान की सरकार और सेना में हड़कंप मच गया था।
Uri Attack: अमेरिका ने पाकिस्तान को दिए थे सबूत
हमले में शामिल आतंकियों के फोन कॉल और मैसेज
हमले में इस्तेमाल किए गए हथियारों के सीरियल नंबर
हमले में शामिल आतंकियों के ट्रेनिंग कैंपों के वीडियो और तस्वीरें
इन सबूतों से पता चला था कि हमले में शामिल आतंकियों को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने ट्रेनिंग दी थी और उन्हें हमले के लिए हथियार और उपकरण भी दिए थे।
नवाज शरीफ थे नाराज
इन सबूतों के सामने आने के बाद पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ काफी नाराज थे। उन्होंने अमेरिका से इन सबूतों की जांच करने की मांग की थी। हालांकि, अमेरिका ने इन सबूतों की जांच से इनकार कर दिया था।
किसने किया था खुलासा
इन सबूतों के बारे में खुलासा करने वाले पाकिस्तानी पत्रकार हैदर अली जफर थे। (Uri Attack) उन्होंने अपनी किताब “द पॉवर ऑफ डिसीजन” में इन सबूतों का जिक्र किया था। जफर के मुताबिक, इन सबूतों को उन्हें एक पाकिस्तानी अधिकारी ने दिया था।
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हैदर अली जफर कौन हैं?
हैदर अली जफर पाकिस्तान के एक वरिष्ठ पत्रकार हैं। (Uri Attack) वह पाकिस्तान के सबसे प्रतिष्ठित समाचार पत्र द डॉन के पूर्व संपादक हैं। जफर को उनकी पत्रकारिता के लिए कई पुरस्कार मिल चुके हैं।
उरी हमले का महत्व
उरी हमला भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों के लिए एक महत्वपूर्ण घटना थी। इस हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया था। भारत ने इस हमले का जवाब दिया था और पाकिस्तान के बालाकोट में एक जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकाने पर एयर स्ट्राइक की थी।