UP Politics: समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की नाराजगी के बाद, पल्लवी पटेल और स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपना फैसला बदल दिया है। दोनों नेता वापस लखनऊ लौट आए हैं।
पल्लवी पटेल ने गुरुवार को पार्टी छोड़ने का ऐलान किया था। (UP Politics) उन्होंने कहा था कि उन्हें पार्टी में उचित सम्मान नहीं दिया जा रहा है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी पल्लवी पटेल का समर्थन करते हुए पार्टी छोड़ने का संकेत दिया था।
लेकिन, शुक्रवार को अखिलेश यादव ने दोनों नेताओं से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद, पल्लवी पटेल और स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपना फैसला बदल दिया। उन्होंने कहा कि वे पार्टी में रहेंगे और अखिलेश यादव के नेतृत्व में काम करेंगे।
सूत्रों के अनुसार, अखिलेश यादव ने दोनों नेताओं को मनाने के लिए काफी प्रयास किए। उन्होंने पल्लवी पटेल को पार्टी में महत्वपूर्ण पद देने का आश्वासन दिया है।
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पल्लवी पटेल और स्वामी प्रसाद मौर्य का वापस लौटना सपा के लिए एक बड़ी राहत है। (UP Politics) दोनों नेता पार्टी के वोट बैंक में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
UP Politics: इस वजह से नहीं होंगे शामिल
कयास लगाए जा रहे हैं कि अखिलेश यादव की नाराजगी की चर्चाओं के चलते राहुल गांधी ने स्वामी प्रसाद मौर्य और पल्लवी से फिलहाल दूरी बनाए रखने का फैसला किया है. स्वामी प्रसाद मौर्य और पल्लवी के राहुल गांधी की न्याय यात्रा में शामिल होने की खबरों से अखिलेश यादव नाराज बताए जा रहे थे. पल्लवी पटेल के पति और अपना दल कमेरावादी के राष्ट्रीय महासचिव पंकज निरंजन ने भी नाराजगी और यात्रा में शामिल नहीं होने की पुष्टि की है.
हालांकि उन्होंने नाराजगी की वजह नहीं बताई है. उनका भी यही कहना है कि पल्लवी पटेल के लखनऊ चले आने की वजह का जवाब राहुल गांधी और कांग्रेस के लोग ही देंगे. (UP Politics) स्वामी प्रसाद मौर्य के सहयोगियों ने बताया है कि उन्हें इस बात की जानकारी मिली थी कि प्रयागराज में न्याय यात्रा का कार्यक्रम रद्द हो गया है. इसलिए स्वामी प्रसाद मौर्य ने रायबरेली में अपना कार्यक्रम तय कर लिया है.
अगर कांग्रेस पार्टी की तरफ से आगे की यात्रा के बारे में जानकारी दी जाएगी तो उस पर विचार किया जाएगा. प्रयागराज में समाजवादी पार्टी के एक और कद्दावर नेता को रविवार राहुल गांधी की न्याय यात्रा में शामिल होना था, लेकिन अब उन्होंने भी अपना फैसला बदल लिया है. स्वामी प्रसाद मौर्य और पल्लवी पटेल के शामिल नहीं होने से उनके समर्थक भी न्याय यात्रा का हिस्सा नहीं बनेंगे.