UP By Election 2024: कांग्रेस ने भाजपा के आरोपों और सपा की अंदरूनी आशंकाओं को खारिज करने के लिए उपचुनाव के मैदान से हटने का फैसला किया। इंडिया गठबंधन के दिल्ली के सूत्र बताते हैं कि हरियाणा चुनाव में अखिलेश यादव ने मैदान में न उतरने की राहुल गांधी की बात मानी।
एवज में राहुल गांधी ने भी यूपी के रण में न उतरकर सपा के लिए रास्ता साफ कर दिया। (UP By Election 2024) लोकसभा चुनाव में सपा जहां 37 सीटों के साथ यूपी की सबसे बड़ी पार्टी बनी, वहीं कांग्रेस भी एक से बढ़कर छह सीट पर पहुंच गई।
इसके बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में अपने लिखित वक्तव्य में सपा अध्यक्ष को आगाह करते हुए कहा कि कांग्रेस से दोस्ती उनके लिए भविष्य में घातक साबित होगी। (UP By Election 2024) वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने यहां तक कहा कि राज्यों में दोस्ती करके क्षेत्रीय दलों को समाप्त करने का काम कांग्रेस करती है।
इतना ही नहीं सपा में भी एक धड़ा ऐसा है जो यह मानता है कि यूपी में कांग्रेस का बढ़ना सपा के लिए अच्छा संकेत नहीं है। (UP By Election 2024) क्योंकि, यहां कांग्रेस की कीमत पर ही सपा समेत सभी क्षेत्रीय दल आगे बढ़े हैं।
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UP By Election 2024: मुलायम सिंह भी कांग्रेस के गठबंधन को नहीं मानते थे लाभदायक
कांग्रेस के लिए बेहद अहम है यूपी
सबसे ज्यादा लोकसभा सीटें होने के कारण यूपी कांग्रेस के लिए बेहद अहम है। कांग्रेस आजादी के बाद लगातार 15 वर्ष तक कभी भी दिल्ली की सत्ता से दूर नहीं रही, लेकिन नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा ने यह कर दिखाया।
इंडिया गठबंधन के सूत्र बताते हैं कि केंद्र में वापसी की चाहत के चलते कांग्रेस यूपी में बेहद सोच-समझकर अपने कदम आगे बढ़ा रही है। इसके तहत सबसे पहले सपा और कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के बीच यह समझ विकसित हुई है कि दोनों पार्टी की स्थानीय इकाइयां कुछ भी बोलें, लेकिन यहां सीटों की साझेदारी पर कोई भी निर्णय लेने के लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ही अधिकृत होंगे।
राहुल गांधी ने उपचुनाव में यूपी के मैदान से हटने का निर्णय लिया
सूत्र बताते हैं कि भाजपा की ओर से कांग्रेस को सपा के लिए घातक बताने वाले जो तीर चलाए गए, उसे निर्मूल साबित करने के लिए राहुल गांधी ने उपचुनाव में यूपी के मैदान से हटने का निर्णय लिया। कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व यहां विधानसभा से ज्यादा लोकसभा को ध्यान में रखते हुए अपने कदम आगे बढ़ा रहा है। ताकि, केंद्र में भाजपा सरकार हटाने के लिए उसे सपा का मजबूती से साथ मिल सके।