unicef: संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) की एक नई रिपोर्ट ने दुनिया के सबसे अमीर देशों में बच्चों की गरीबी को लेकर चिंता व्यक्त की है। रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया के 40 सबसे अमीर देशों में 6.9 करोड़ बच्चे गरीबी की जिंदगी जी रहे हैं। यह आंकड़ा दुनिया के कुल बच्चों की संख्या का 7.5% है।
रिपोर्ट के मुताबिक, इन 40 देशों में 2012 से 2014 और 2019 से 2021 के बीच चाइल्ड पोवर्टी रेट्स में 8 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी। हालांकि, कोविड-19 महामारी के कारण यह गिरावट धीमी हो गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया के सबसे अमीर देशों में बच्चों की गरीबी के कई कारण हैं। इनमें आय असमानता, बेरोजगारी, शिक्षा तक पहुंच की कमी और सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों की कमी शामिल हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि बच्चों की गरीबी से उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। (unicef) गरीब बच्चों में कुपोषण, बीमारियों और शिक्षा से वंचित होने की संभावना अधिक होती है।
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unicef: ब्रिटेन में बच्चों की गरीबी दर में 19.6 फीसदी की वृद्धि
यूनिसेफ ने दुनिया के सबसे अमीर देशों से बच्चों की गरीबी को कम करने के लिए ठोस कदम उठाने का आह्वान किया है। इन देशों से अपेक्षा की जाती है कि वे आय असमानता को कम करने, बेरोजगारी को कम करने, शिक्षा तक पहुंच को बढ़ाने और सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों को मजबूत करने के लिए उपाय करें।
दुनिया के 40 सबसे अमीर देशों में 6.9 करोड़ बच्चे गरीबी की जिंदगी जी रहे हैं।
इन देशों में 2012 से 2014 और 2019 से 2021 के बीच चाइल्ड पोवर्टी रेट्स में 8 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी।
कोविड-19 महामारी के कारण यह गिरावट धीमी हो गई है।
दुनिया के सबसे अमीर देशों में बच्चों की गरीबी के कई कारण हैं।
बच्चों की गरीबी से उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
आय असमानता को कम करना
बेरोजगारी को कम करना
शिक्षा तक पहुंच को बढ़ाना
सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों को मजबूत करना
यूनिसेफ की रिपोर्ट दुनिया के सबसे अमीर देशों में बच्चों की गरीबी के बारे में एक गंभीर चेतावनी है। (unicef) इन देशों को बच्चों की गरीबी को कम करने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।