
Trump Plans Heavy Tariffs: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की रूसी समकक्ष पुतिन से वार्ता विफल होने के बाद रूस एक बार फिर उनके निशाने पर आ गया है और वह पुतिन पर दबाव बढ़ाने के लिए प्रतिबंध की टैरिफ की भारी भरकम श्रंखला ला सकते हैं। टैरिफ़ के हाथ टैरिफ का एक बेहतरीन खिलौना लग गया है जिससे वह एक के बाद एक गोली या गोला चलाते जा रहे हैं। इस बार उनके निशाने पर रूस के साथ सेमीकंडक्टर चिप्स और स्टील है। (Trump Heavy Tariffs) जो कि इस बात का संकेत दे रहा है कि आने वाले हफ़्तों में पहले से अस्थिर वैश्विक व्यापार और भी ज़्यादा हिल सकता है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाक़ात के लिए अलास्का जाते समय अपने एयरफोर्स वन के विमान में ट्रम्प ने कहा वह अगले हफ़्ते और उसके बाद वाले हफ़्ते में स्टील और चिप्स पर टैरिफ़ तय करूँगा।
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उन्होंने कहा है कि यह दरें कम से शुरू होंगी ताकि कंपनियों को अमेरिका में विनिर्माण बढ़ाने का समय मिल सके, और फिर तेज़ी से बढ़ेंगी, जैसा कि उन्होंने दवाइयों के मामले में किया था। (Trump Heavy Tariffs) यानी पहले हल्की फुल्की डांट डपट होगी फिर सीधे दंडात्मक कार्रवाई। अपनी बात साफ करते हुए ट्रम्प कहते हैं मैं एक ऐसी दर रखूँगा जो शुरुआत में कम होगी जिससे कंपनियों को अमेरिका आकर निर्माण करने का मौका मिलेगा और एक निश्चित समय के बाद टैरिफ दरें बहुत ज़्यादा हो जाएंगी। उन्हें उम्मीद है कि कंपनियां भारी शुल्क का सामना करने के बजाय घरेलू स्तर पर विनिर्माण करना पसंद करेंगी। (Trump Heavy Tariffs) इससे पहले फरवरी में, ट्रंप ने स्टील और एल्युमीनियम पर टैरिफ बढ़ाकर 25% कर दिया था, फिर मई में अमेरिकी निर्माताओं का समर्थन करने के लिए इसे दोगुना करके 50% कर दिया। ट्रंप कह चुके हैं कि वह सेमीकंडक्टर्स पर 100% टैरिफ लगाएंगे, जिसमें अमेरिका में निर्माण करने के लिए प्रतिबद्ध कंपनियों को छूट दी जाएगी। इसके साथ आयातित चिप्स पर दर और भी अधिक हो सकती है।
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ब्लूमबर्ग के हवाले से उन्होंने कहा, “क्या मैं 200%, 300% की दर रखूँगा?” व्हाइट हाउस ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि ऐसी छूट कैसे काम करेंगी, हालाँकि ट्रंप ने सुझाव दिया कि एप्पल, जिसने 600 अरब डॉलर की घरेलू विनिर्माण पहल का वादा किया है, को इससे लाभ हो सकता है। निर्माता और एआई कंपनियां स्पष्टता के लिए दबाव बना रही हैं, क्योंकि चिप्स उपभोक्ता उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला का अभिन्न अंग हैं। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, सेमीकंडक्टर और फार्मास्यूटिकल्स दोनों ही अप्रैल से अमेरिकी वाणिज्य विभाग की जांच के दायरे में हैं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर टैरिफ लगाने से पहले एक आवश्यक कदम है, और यह प्रक्रिया महीनों तक चल सकती है। ट्म्प ने यह बात पहले ही कह दी थी कि अगर रूस से वार्ता विफल हुई तो वह और कड़े प्रतिबंध लगा सकते हैं।