शिकागो: आध्यात्मिक गुरु और प्रेरणास्रोत सद्गुरु ब्रह्मेशानन्द आचार्य स्वामीजी ने आज शिकागो में विश्व धर्म संसद 2023 का आगाज किया, जहां उन्होंने अपने आध्यात्मिक संदेश को प्रस्तुत करने का अवसर लिया। इस समारोह के माध्यम से सनातन धर्म के महत्वपूर्ण आध्यात्मिक उद्देश्यों को फैलाने का प्रयास किया गया है।
विश्व धर्म संसद 2023 एक महत्वपूर्ण आयोजन है जिसमें विभिन्न धर्मों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया है ताकि वे एक साथ आकर सामाजिक सद्भाव, शांति, और सहयोग की महत्वपूर्णता को साझा कर सकें। इस आयोजन का उद्घाटन आध्यात्मिकता के प्रमुख प्रेरणा स्रोत सद्गुरु ब्रह्मेशानन्द आचार्य स्वामीजी के द्वारा किया गया है, जिन्होंने अपने संबोधन में आध्यात्मिक ज्ञान और मानवता के लिए सद्भावना की महत्वपूर्णता पर बल दिया।
सद्गुरु ब्रह्मेशानन्द आचार्य स्वामीजी ने अपने संबोधन में कहा, “आध्यात्मिकता ही हमारी आत्मा का संवाद है, और यह विश्व में शांति की कुंजी है। हमारा धर्म हमें सहयोग, समरसता, और सद्भाव की दिशा में आग्रहित करता है।” उन्होंने धर्म के महत्व को बताते हुए आत्मा के साथ के आदर्श संवाद की महत्वपूर्णता पर भी बल दिया और यह शिकागो में आयोजित संसद के उद्घाटन समारोह के लिए एक महत्वपूर्ण मुहिम बना दिया।
विश्व धर्म संसद 2023 का आयोजन १४ अगस्त से १८ अगस्त तक हो रहा है और इसमें विभिन्न धर्मों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया है। यह समारोह आध्यात्मिकता, शांति, और सद्भाव के महत्वपूर्ण सिद्धांतों को प्रमोट करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है और ब्रह्मेशानंद स्वामीजी के संबोधन से इस समारोह को एक और महत्वपूर्ण दिशा मिली है।
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इस आध्यात्मिक महोत्सव में सद्गुरु ब्रह्मेशानन्द आचार्य स्वामीजी के संबोधन ने सभी को आत्मा की गहराइयों में संवाद करने और शांति की खोज में प्रेरित किया। उनके संबोधन के माध्यम से समृद्धि, सद्भाव, और आत्मा की महत्वपूर्णता की महसूस की गई और विश्व धर्म संसद का आयोजन उनके आध्यात्मिक संदेश को प्रचारित करने के रूप में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।
पूज्य सद्गुरु ब्रह्मेशानन्द आचार्य स्वामीजी के साथ, जैन धर्म गुरु लोकेश मुनिजी – संस्थापक अध्यक्ष अहिंसा विश्व भारती, जगद्गुरु दिलीप कुमार थक्कप्पनजी – मास्टर ऑफ इंटरफेथ, राजराजेश्वर गुरुजी – सिद्धाश्रम शक्ति केंद्र – लंदन-यूके, महर्षि पूज्य गोस्वामी सुशीलजी – दिल्ली-भारत, युवाचार्य अभयदासजी महाराज – राजस्थान , भाई साहिब सतपाल सिंह खालसा – सिख धर्म के राजदूत राष्ट्रपति, शांति दूत डॉ. बिन्नी सरीन – ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर पीस एंड वेलबीइंग के संस्थापक – माउंट आबू, नामदेव जाधव, लेखक और अंतर्राष्ट्रीय प्रेरक वक्ता – पुणे भारत कई प्रतिनिधियों को विश्व धर्म संसद में आमंत्रित प्रतिभागी हैं।
दि. १७ अगस्त को पूज्य सद्गुरु ब्रह्मेशानन्द आचार्य स्वामीजी विश्व धर्म संसद को “विश्व शांति का अंतिम मार्ग – आध्यात्मिकता” विषय पर संबोधित करेंगे। गुरुमाता एडवोकेट ब्राह्मीदेवीजी – अध्यक्ष सत्गुरु फाउंडेशन, भारत और डॉ. स्वप्निल नागवेकर – अध्यक्ष इंटरनेशनल सद्गुरु फाउंडेशन – यूएई काउंसिल इस समानांतर सत्र के लिए पैनलिस्ट होंगे।