Serbia Protests On Alexander Vucic: यूरोप का सबसे ज्यादा शांत नजर आने वाला देश सर्बिया इस वक़्त बड़ी उबाल पर है। राजधानी बेलग्रेड की सड़कों पर हजारों छात्र उतर चुके हैं और देश में अब हालात गृहयुद्ध जैसे बनने शुरू हो गए हैं। (Serbia Protests On Alexander Vucic) 8 महीने पहले नोवी साड शहर में रेलवे स्टेशन की छत गिरने से हुई 16 लोगों की मौत ने जो चिंगारी लगाई थी, वह अब राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वुसिक के 12 साल पुराने शासन को हिलाने वाली क्रांति में तब्दील हो गई है।

Serbia Protests On Alexander Vucic: सर्बिया सरकार पूरी तरह से भ्रष्टाचार में विलीन
प्रदर्शनकारी छात्र वुसिक को पुतिन का करीबी बता रहे हैं और उनका आरोप है कि सरकार भ्रष्टाचार में पूरी तरह से विलीन हो गयी है और जनहित को सीधा अनदेखा कर रही है। सर्बिया में बीते कुछ महीनों से लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे थे, लेकिन अब ये मामला पूरी तरह बेकाबू हो गया है। (Serbia Protests On Alexander Vucic) बता दे, बेलग्रेड में प्रदर्शनकारी छात्रों और पुलिस के बीच बड़े स्तर पर हिंसक झड़पें हो रही हैं। सड़कों पर लाठियां चल रही हैं, आंसू गैस छोड़ी जा रही है और छात्रों को हिरासत में लिया जा रहा है। सड़कों पर लगे नारे स्पष्ट हैं “वुसिक को जाना ही होगा!”
बांग्लादेश में हुआ छात्र आंदोलन आया याद
अब इस आंदोलन को देखकर लोगों को बांग्लादेश में हुआ छात्र आंदोलन याद आ रहा है। सर्बिया में स्थिति इतनी ज्यादा भयावह रूप ले चुकी है कि प्रधानमंत्री मिलोस वुचेविच ने हाल ही में इस्तीफा दे दिया है। (Serbia Protests On Alexander Vucic) हालांकि राष्ट्रपति वुसिक अब भी सत्ता छोड़ने से साफ़ मना कर रहे हैं। छात्रों का स्पष्ट कहना है कि यह केवल एक आंदोलन नहीं, बल्कि आजादी की लड़ाई है। उनका नेतृत्व देश के प्रमुख विश्वविद्यालयों के छात्र संगठन कर रहे हैं। आंदोलनकारी मांग कर रहे हैं कि वुसिक को तत्काल इस्तीफा देना चाहिए और देश में पारदर्शी लोकतंत्र बहाल किया जाना चाहिए।
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राष्ट्रीय विद्रोह में तब्दील हुआ प्रदर्शन
गौरतलब है कि साल 2024, 1 नवंबर को नोवी साड रेलवे स्टेशन की छत गिरने से हुई दुर्घटना ने पूरे देश के युवाओं को हिलाकर रख दिया था। तब से ही छात्र सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन अब यह आंदोलन एक राष्ट्रीय विद्रोह का रूप ले चुका है।
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अब देखना होगा कि क्या सर्बिया में यह आंदोलन वाकई राष्ट्रपति वुसिक की सत्ता को गिरा पाएगा या फिर यह भी किसी और विदेशी दबाव या साजिश के नाम पर दबा दिया जाएगा।