Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच जारी तीन साल लंबे युद्ध के दौरान हाल ही में एक ऐसा घटनाक्रम सामने आया है, जिसने अमेरिका और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की रणनीतिक योजनाओं को गहरी चोट पहुंचाई है। (Russia Ukraine War) पूर्वी यूक्रेन के डोनेट्स्क क्षेत्र में स्थित एक लिथियम खदान पर रूस ने कब्जा कर लिया है। इस खदान को यूक्रेन की भावी ऊर्जा जरूरतों और तकनीकी विकास का आधार माना जा रहा था।

यह वही खदान है जो शेवचेंको गांव के पास स्थित है और लगभग 100 एकड़ में फैली हुई है। यहां मौजूद लिथियम भंडार को अमेरिका काफी अहम मानता था। अमेरिका और यूक्रेन के बीच हाल ही में एक खनिज समझौता हुआ था, जिससे अमेरिका को यूक्रेन के बहुमूल्य खनिजों तक सीधी पहुंच मिलने वाली थी। (Russia Ukraine War) ट्रंप प्रशासन को उम्मीद थी कि यूक्रेन के खनिज संसाधनों पर अमेरिकी नियंत्रण स्थापित होगा, लेकिन रूस की इस कार्रवाई ने उन योजनाओं पर पानी फेर दिया है।
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लिथियम को “भविष्य की धातु” माना जाता है, क्योंकि यह बैटरियों के निर्माण में अनिवार्य है, चाहे वह इलेक्ट्रिक कार हो या स्मार्टफोन। यही वजह है कि अमेरिका ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा ‘क्रिटिकल मटेरियल’ घोषित किया है। Russia Ukraine War) ऐसे में रूस का इस पर नियंत्रण अमेरिका के लिए रणनीतिक झटका माना जा रहा है।

Russia Ukraine War: रूसी सेना की नजर अब पोखरोव्स्क पर
रूस अब यूक्रेन के एक और अहम शहर पोखरोव्स्क की ओर बढ़ रहा है, जो डोनबास क्षेत्र की आपूर्ति श्रृंखला के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। यूक्रेनी सेना के अनुसार, रूस ने इस इलाके में करीब 1.10 लाख सैनिकों की तैनाती की है। यह शहर रणनीतिक दृष्टिकोण से बेहद अहम है और लंबे समय से रूस की नजर में रहा है।
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नया रूसी युद्ध प्लान: घेरेबंदी और ‘लो-कॉस्ट’ हमला
यूक्रेनी सेना प्रमुख ओलेक्जेंडर सिर्स्की के मुताबिक, रूस अब सीधी टक्कर की बजाय पोखरोव्स्क को चारों ओर से घेरने की रणनीति पर काम कर रहा है। पहले यूक्रेनी ड्रोन इकाइयों ने रूसी हमलों को काफी हद तक नाकाम किया था, लेकिन अब रूस ने नई रणनीति अपनाई है। वह बाइक और हल्के वाहनों के जरिए दो-दो सैनिकों की छोटी टीम बनाकर सीमित संसाधनों में हमला कर रहा है, जिससे नुकसान कम हो और शहर के बाहरी इलाकों में प्रभाव बढ़ाया जा सके।
लिथियम जैसी रणनीतिक धातु पर कब्जा और यूक्रेन के पूर्वी क्षेत्रों में बढ़ती रूसी सैन्य सक्रियता ने न सिर्फ अमेरिका की योजनाओं को मुश्किल में डाला है, बल्कि यूक्रेन के लिए भी चुनौतियों को बढ़ा दिया है। आने वाले दिनों में यह संघर्ष और जटिल होता दिख रहा है।