Ratan Tata Death News: रतन टाटा की मौत पर भारत ही नहीं बल्कि पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भी काफी चर्चा हो रही है. टाटा समूह के अध्यक्ष के रूप में 20 सालों तक काम करने वाले रतन टाटा के निधन पर पाकिस्तानी अखबार डॉन ने विस्तार से लिखा. उन्होंने टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष के संबंध में कहा कि 86 साल की उम्र में उनकी मृत्यु हो गई है. इस संबंध में उन्होंने वो इंस्टा पोस्ट भी शेयर किया है, जिसे टाटा समूह ने शेयर किया था. (Ratan Tata Death News) डॉन लिखता है कि रतन टाटा मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती थे, जहां उन्होंने आखिरी सांस ली.
पाकिस्तानी अखबर डॉन ने लिखा कि 1991 में जब उनके चाचा जेआरडी टाटा ने पद छोड़ दिया तो उन्होंने समूह की कमान संभाली थी. (Ratan Tata Death News) अपने पहले काम में रतन टाटा ने टाटा समूह की कंपनियों के कुछ प्रमुखों की शक्तियों पर लगाम लगाने के लिए उन्हें पद से हटा दिया. इसकी जगह पर युवा लोगों को बढ़ावा देने और कंपनियों पर नियंत्रण बढ़ाने की मांग की. 1996 में दूरसंचार फर्म टाटा टेलीसर्विसेज की स्थापना की. साल 2004 में आईटी फर्म टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज को सार्वजनिक कर दिया.
Ratan Tata Death News: रतन टाटा की अचीवमेंट की बातें
पाकिस्तानी मीडिया ने रतन टाटा की अचीवमेंट को भी अखबारों में जगह दी. उन्होंने लिखा कि टाटा समूह ने 2000 में ब्रिटिश चाय कंपनी टेटली को 432 मिलियन डॉलर (36 अरब 26 करोड़ रुपए) में और एंग्लो-डच स्टील निर्माता कोरस को 2007 में 13 बिलियन डॉलर (10 खरब 91 करोड़ रुपए) में खरीदा था, जो उस समय किसी भारतीय कंपनी द्वारा किसी विदेशी कंपनी का सबसे बड़ा टेकओवर था. (Ratan Tata Death News) इसके बाद टाटा मोटर्स ने 2008 में 2.3 बिलियन डॉलर (193 खरब रुपए) में फोर्ड मोटर कंपनी से ब्रिटिश लक्जरी ऑटो ब्रांड जगुआर और लैंड रोवर का अधिग्रहण किया.
रतन टाटा की पसंदीदा परियोजना
रतन टाटा की टाटा मोटर्स में उनकी पसंदीदा परियोजनाओं में इंडिका और नैनो शामिल है. इंडिका जहां भारत में डिजाइन और निर्मित पहली कार मॉडल थी. वहीं नैनो जिसे दुनिया की सबसे सस्ती कार कहा जाता है. इसकी कीमत भारत में लगभग 1 लाख रुपए थी. हालांकि, लॉन्च होने के 10 सालों बाद इसे बंद कर दिया गया.