
PM Modi Manipur Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मणिपुर यात्रा के मद्देनजर केंद्र सरकार एक्टिव हो गई है. खबर है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारी बुधवार 3 सितंबर यानी आज कुकी-जो (Kuki-Zo) विद्रोही समूहों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करेंगे. बैठक में “सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशंस” (SoO) समझौते को आगे बढ़ाने पर बातचीत होगी. यह समझौता 29 फरवरी 2024 से अटका हुआ है क्योंकि उस वक्त मणिपुर सरकार ने खुद को इससे अलग कर लिया था.
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सितंबर के दूसरे हफ्ते में मणिपुर की यात्रा कर सकते हैं. मई 2023 में राज्य में भड़की जातीय हिंसा के बाद यह पीएम मोदी की पहली मणिपुर यात्रा होगी. (PM Modi Manipur Visit) इसी को ध्यान में रखते हुए गृह मंत्रालय के अधिकारी कुकी-जो समूहों के प्रतिनिधियों से मिलेंगे. इस बैठक में गृह मंत्रालय के नॉर्थ-ईस्ट के सलाहकार ए. के. मिश्रा और इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के अधिकारी शामिल होंगे.
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PM Modi Manipur Visit: हाईवे खोलने पर सहमत हो सकते हैं Kuki-Zo समूह
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बैठक से पहले ऐसे संकेत मिले हैं कि कुकी-जो से जुड़े संगठन पीएम मोदी की यात्रा से पहले दो मुख्य नेशनल हाईवे NH-2 और NH-37 खोलने के लिए राजी हो सकते हैं. ये हाईवे इन्हीं संगठनों के कब्जे वाले क्षेत्र में आते हैं. (PM Modi Manipur Visit) हाईवे खोलने का संकेत मिलना बेहद अहम है क्योंकि ये हाईवे इम्फाल घाटी (जहां मैतेई समुदाय के लोग रहते हैं) को नागालैंड और असम से जोड़ते हैं और पिछले दो वर्षों से बंद पड़े हैं. इसकी वजह जरूरी सामानों की आपूर्ति पर बड़ा असर पड़ रहा है.
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दो साल बाद शुरू की बातचीत
गृह मंत्रालय ने दो साल के अंतराल के बाद 9 जून को कुकी-जो के अलगाववादी समूहों के साथ “सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशंस” (SoO) समझौते पर फिर से बातचीत शुरू की है. (PM Modi Manipur Visit) हिंसा से पहले SoO समूहों की मांग मणिपुर के अंदर स्वायत्त क्षेत्रीय परिषदों की थी. लेकिन 3 मई 2023 को हिंसा भड़कने के बाद अब वे एक अलग “विधानसभा सहित केंद्र शासित प्रदेश” की मांग कर रहे हैं.
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क्या है ‘SoO’ समझौता
“सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशंस” (SoO) साल 2008 से लागू है. यह तीन पक्षों वाला समझौता है, जिसमें गृह मंत्रालय, मणिपुर सरकार और SoO समूह शामिल है. SoO समूहों में यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट (UPF) और कुकी नेशनल ऑर्गेनाइजेशन (KNO) जैसे 25 उग्रवादी समूह शामिल हैं. इस समूहों के करीब 2,200 कार्यकर्ता मणिपुर के पहाड़ी जिलों में 14 कैंपों में रहते हैं. (PM Modi Manipur Visit) इनके कार्यकर्ताओं को 6,000 रुपये प्रति माह का भत्ता मिलता है. लेकिन हिंसा भड़कने के बाद से भत्ता उन्हें नहीं दिया गया है.
इस समझौते को वक्त-वक्त पर बढ़ाया जाता रहा है. लेकिन 29 फरवरी 2024 के बाद से इसे नहीं बढ़ाया गया क्योंकि मणिपुर सरकार ने त्रिपक्षीय समझौते से खुद को किनारे कर लिया था.
बता दें कि मणिपुर में मई 2023 से शुरू हुई जातीय हिंसा में अब तक 250 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 60,000 से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं. राज्य में इस साल 13 फरवरी से राष्ट्रपति शासन लागू है.