Pakistan Attack on Taliban: खुद के पाले हुए आतंकवाद से परेशान होकर पाकिस्तान अब खुद आपॅरेशन चलाने की तैयारी में है. इसके लिए चीन की भी मदद ली जा रही है, क्योंकि पाकिस्तान में लगातार चीनी कर्मचारियों पर हमले हो रहे हैं, इसकी वजह से लगातार वहां चीन के प्रॉजेक्ट का काम प्रभावित हो रहा है. अब खबर है कि पाकिस्तान सरकार तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के ठिकानों के खिलाफ ऑपरेशन चला सकती है. इसके लिए मंजूरी दी जाने वाली है. खुरासान डायरी पोर्टल के अनुसार, पाकिस्तान सरकार सीमा पार आतंकवादी ठिकानों का पीछा करने और उन्हें खत्म करने में संकोच नहीं करेगी. शनिवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक मीटिंग में चरमपंथ के खिलाफ अभियान चलाने को मंजूरी दी थी. इसे ऑपरेशन अज्म-ए-इस्तेहकाम नाम दिया गया है. (Pakistan Attack on Taliban) इस अभियान के तहत उत्तरी वजीरिस्तान से लेकर बलूचिस्तान तक कार्रवाई की जाएगी.
Pakistan Attack on Taliban: ऑपरेशन में चीन की ली जाएगी मदद
पाकिस्तानी अखबार ट्रिब्यून के अनुसार, इस कार्रवाई के लिए पाकिस्तान अफगानिस्तान की तालिबान सरकार से कूटनीतिक प्रयास भी करेगा. बता दें कि अगस्त 2021 में काबुल में तालिबान की वापसी के बाद पाकिस्तान के अंदर TTP के हमले ज्यादा होने लगे, इस वजह से पाकिस्तान को ज्यादा नुकसान उठाना पड़ रहा है. (Pakistan Attack on Taliban) इस साल के पहले पांच महीनों में पाकिस्तान में आतंकी हमलों में काफी वृद्धि देखी गई. इसको लेकर ही पाकिस्तान ने अब अभियान शुरू किया है. मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के मुताबिक लिखा गया कि तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान (TTP) पर रोक लगाने के लिए अफगानिस्तान को मनाने में चीन की भी मदद ली जाएगी. इससे पहले तो यह भी खबर आई थी कि चीन खुद अफगान तालिबान को मनाने की कोशिश करेगा. अब इसी कड़ी में यह खबर सामने आई है.
हमलों की वजह से चीन ने हड़काया था
इस साल की शुरुआत से ही पाकिस्तान में काफी आतंकी हमले हुए हैं. सबसे ज्यादा टारगेट पर चीनी कर्मचारियों को रखा गया है, क्योंकि पाकिस्तान में चीन निवेश से कई बड़े प्रॉजेक्ट चल रहे हैं. (Pakistan Attack on Taliban) इन हमलों के चलते प्रॉजेक्टों का काम भी प्रभावित हुआ. पिछले दिनों चीन के दौरे पर गए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को भी चीनी राष्ट्रपति शी जिनिपिंग ने इस मुद्दे पर घेरा था. हाल ही में पाकिस्तान की यात्रा पर आए चीनी मंत्री ने भी कहा था कि चरमपंथी हमलों के चलते चीनी निवेशकों का विश्वास हिल गया है. मंत्री ने चेतावनी दी कि बिना सुरक्षा के पाकिस्तान में कारोबारी माहौल नहीं बन सकता.इसको लेकर ही अब पाकिस्तान बड़े कदम उठाने वाला है.